नई दिल्ली/ पनामा सिटी। पनामा पेपर्स के लीक होने के बाद विधि फर्म मोजैक फोंसेका ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि ‘पनामा पेपर्स’ सर्वरों के जरिए हैक किए गए हैं। इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है। पनामा सरकार ने भारत सरकार से ‘पनामा पेपर्स’ के आंकड़े लीक होने के मद्देनजर शुरू की जाने वाली हर प्रकार की कानूनी जांच में ‘पूरा सहयोग’ करने की बात कही है।
पनामा की विधि फर्म मोजैक फोंसेका ने बुधवार को कहा कि उसके कई धनी ग्राहकों के विदेशों में स्थित कामकाज की जानकारी देते हुए ‘पनामा पेपर्स’का खुलासा करना एक ‘अपराध’ है और पनामा पर एक ‘हमला’ है। मोजैक फोंसेका के संस्थापकों में शामिल रैमन फोंसेका ने कहा कि यह एक घोर अपराध है। यह पनामा पर एक हमला है क्योंकि कुछ देशों को यह बात रास नहीं आती कि हम कंपनियों को आकर्षित करने में इतना कड़ा मुकाबला पेश कर रहे हैं। बड़े स्तर पर मोजैक फोंसेका के आंकड़े लीक होने की खबर विश्व भर में मीडिया ने छापी है, जिसमें बताया गया है कि किस प्रकार धनी राजनेता, सिलेब्रिटी और अन्य लोग कथित रूप से कर चोरी करके अपनी पूंजी छुपाने और धनशोधन करने के लिए इसका इस्तेमाल करते थे।
वहीं, इस मामले में पनामा के राष्ट्रपति जुआन कालरेस वरेला ने कहा कि इस घोटाले में ‘जो भी सरकार, जो भी जांच करती है’, वह उसमें सहयोग करेंगे लेकिन उन्होंने ‘अपने देश की छवि की रक्षा करने का भी’ संकल्प जताया।
पनामा के सरकारी अभियोजक के कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि विदेशों में कंपनियां बनाने वाली विधि फर्म से जुड़े व्यापक डाटा के लीक होने के बाद हुए खुलासों की जांच शुरू करेगा और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संचार मीडिया प्रकाशनों में ‘पनामा पेपर्स’ शीर्षक के तहत जो तथ्य उजागर किए गए हैं, उनकी आपराधिक जांच की जाएगी। बयान में कहा गया कि यह जांच यह स्थापित करने के लिए की जाएगी कि कौन से अपराध हुए हैं और इन्हें अंजाम किसने दिया है। इसके साथ ही संभावित आर्थिक नुकसानों की पहचान करना भी इस जांच का लक्ष्य है। वहीं, इस मामले में संलिप्त विधि फर्म मोसैक फोंसेका का कहना है कि 1.15 करोड़ दस्तावेज लीक होने की वजह ‘सीमित हैकिंग’ है। कंपनी मानती है कि ऐसा करने में किसी बाहरी पक्ष का हाथ है।
पनामा धनशोधन और अन्य गैर कानूनी लेन देन के केंद्र के रूप में बनी हुई अपनी छवि को नष्ट करने की दिशा में कोशिश कर रहा था और इस दिशा में प्रगति भी कर रहा था। विदेशी ईकाइयां अपने आप में गैर कानूनी नहीं हैं लेकिन इनका इस्तेमाल धनशोधन या दूसरे देशों के कर अधिकारियों से संपत्ति को छिपाने में किया जा सकता है।