News NAZAR Hindi News

पत्नी के बचाव में आए सिद्धू, बोले हादसे पर राजनीति न करें

अमृतसर।  पंजाब स्थित अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे में 59 लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस मामले में पंजाब कैबिनेट मंत्री नवजोत सिद्धू अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू का बचाव करते नजर आए।

आपको बता दें कि यहां दशहरे का आयोजन हुआ था। वहां नवजोत कौर सिद्धू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंची थीं। हादसे की सूचना मिलने पर वह वहां से चली गई थीं। उनके पति सिद्धू ने उनका बचाव करते कहा कि हादसे पर राजनीति न करें।

अगर कोई यह सोचे कि यह जानबूझकर किया गया या उकसाने पर किया गया तो यह गलत है। उन्होंने कहा कि हादसा ट्रेन चालक की गलती के कारण हुआ। उसने हॉर्न नहीं दिया। इस कारण एक सेकंड में ट्रेन ने मासूम लोगों को कुचल डाला।

हादसे का वीडियो देखें

सिद्धू ने कहा कि जब दुर्घटना होती है तो किसी को बताकर नहीं होती। लोग राजनीतिक बातें कर रहे हैं। राजनीतिक रोटियां नहीं सेंकनी चाहिए। सिद्धू ने कहा कि इस घटना पर आरोप-प्रत्यारोप का खेल नहीं खेला जा सकता। रावण दहन आजकल बटन से होता है, जिससे आग तेजी से लगती है। इस दौरान जब आतिशबाजी गलत दिशा में जाती है तो लोग पीछे हटते हैं। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों को पता नहीं चला होगा।

कब कैसे हुआ हादसा
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जिस वक्त ये तेज रफ्तार ट्रेन घटनास्थल से गुजरी, बहुत सारे लोग ट्रैक पर बैठकर और खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे। कुछ मोबाइल फोन पर रावण दहन का वीडियो बना रहे थे। बताया जा रहा है कि जब रावण के पुतले को आग लगाई गई तो मंच से लोगों से पीछे हटने की अपील की गई। इस वजह से भी काफी लोग मैदान से पीछे हटकर रेलवे ट्रैक पर चले गए थे। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। इसमें दिख रहा है कि लोग रावण दहन देख रहे हैं और मोबाइल से उसका वीडियो भी बना रहे हैं। तभी बाईं ओर से तेज रफ्तार ट्रेन अचानक आती है। वीडियो से पता लगता है कि वहां मौजूद लोगों को ट्रेन के आने की भनक तक नहीं लगी।

इस कार्यक्रम में मंच पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी मौजूद थीं। हादसे के वक्त घटनास्थल पर ही मौजूद रहे चश्मदीद अमरजीत ने बताया, “रावण को आग लगाई गई, पटाखे बज रहे थे। इस बीच एकदम से ट्रेन आ गई। किसी को ट्रेन के आने की आवाज सुनाई नहीं दी। मैंने दो लड़कों का हाथ खींचकर उन्हें बचाया। मैंने देखा कि 25-30 लोगों की लाशें बिछ गई हैं। मैंने इन लाशों को उठाकर दूसरी जगह पहुंचाया। मेरे हाथ पूरे खून से सन गए, मैं अभी-अभी इन्हें धोकर आया हूं। उनमें कई मेरे पहचान के लोग थे।”

अमित कुमार का घर घटनास्थल के पास ही है। वह घटना के वक्त अपने घर की छत पर मौजूद थे। उन्होंने बताया, “ट्रेन बहुत स्पीड में आई, ट्रेन ने कोई हॉर्न नहीं दिया। उस ट्रेन ने वहां खड़े सभी लोगों को कुचल दिया। स्टेज से कहा गया था कि लोग पटरी से दूर होकर खड़े रहें। ये