नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शख्स ने अपनी मानसिक विक्षिप्त पत्नी की निर्ममता से हत्या कर दी. हालांकि पुलिस ने आरोपित पति और उसके दो दोस्तों को भी गिरफ्तार कर लिया. मृतका की पहचान सावित्री के रूप में हुई है. वहीं उसके पति का नाम देवराम है, जो करीब 22 साल से अपनी पत्नी के साथ रह रहा था.
पत्नी की मानसिक स्थिति खराब होने के चलते रिश्तेदारों ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी थी, जिसके चलते उसने वारदात को अंजाम दिया. बीते 14 नवंबर को समृद्धि महामार्ग टोल नाका से लगभग 200 मीटर की दूरी पर हिंगना तालुका के वडगांव गुजर में एक झाड़ी में सावित्री का गला कटा हुआ शव मिला था.
सावित्री में साल 2009 से मानसिक विकार के लक्षण दिखने लगे थे. गोंदिया के रावनवाड़ी का मूल निवासी, देवराम लगभग दो महीने पहले सावित्री के साथ बूटी बोरी में रहने लगा था. वारदात को अंजाम देने से पहले देवराम ने सावित्री को एक भोजनालय में स्थानीय व्यंजन ‘झुनका भाकर’ खाने का लालच दिया था.
उसने अपनी पत्नी को दीवाली के लिए उसके द्वारा खरीदी गई एक नई साड़ी पहनने और मेकअप करने के लिए कहा क्योंकि उसके दोस्त भी उनके साथ आने वाले थे. बाद में देवराम उसे अपने दोस्तों राजू चौधरी और मुनीर अली शेख के साथ एक बार में ले गया और उनकी मदद से हत्या को अंजाम दिया.
शराब पीने के बाद, देवराम, चौधरी की बाइक पर ट्रिपल सीट पर सवार होकर, सावित्री को गुमगांव और वाडगांव गुजर के बीच एक उजाड़ झाड़ीदार इलाके में ले गया, जहां उसने उसका गला काट दिया. सावित्री के आक्रमक व्यवहार के चलते गोंदिया से नागपुर शिफ्ट होने के बाद देवराम को ढाई महीने के भीतर तीन बार घर बदलना पड़ा था. सावित्री का व्यवहार मकान मालिकों और पड़ोसियों के प्रति भी आक्रामक रहा.
यह भी देखें
दो बच्चों की मां सावित्री रात 2 बजे उठकर अपने घर की पूजा-अर्चना करती थीं और पड़ोस में फूल तोड़ने के लिए भी जाती थी. सावित्री खुले में शौच भी करती थी, जिससे मकान मालिकों और पड़ोसियों को परेशानी होती थी. वह लड़ाई-झगड़े करने और गालियां भी देती थी. पिछली बार सावित्री की हत्या करने में असफल होने के बाद, देवराम ने समर्थन के लिए दो दोस्तों को शामिल करने का फैसला किया था. हालांकि दोस्त पहले पीछे हट गए थे, लेकिन बाद में मदद के लिए हाथ बढ़ाने को तैयार हो गए.
हत्या करने के बाद देवराम ने अपने खून से सने कपड़े समृद्धि हाइवे पर फेंक दिये. यहां तक कि उसने अपने रिश्तेदारों को भी फोन करना शुरू कर दिया और कहा कि सावित्री उस भोजनालय से भाग गई है जहां वे खाना खाने गए थे. रिश्तेदारों के दबाव के बाद, देवराम 17 नवंबर को शिकायत दर्ज करने के लिए बूटी बोरी पुलिस स्टेशन गया. बूटी बोरी पुलिस को तब तक हिंगना पुलिस से अज्ञात शव के बारे में एक संदेश मिला था.
सहायक पीआई पांडुरंग जाधव और वरिष्ठ पीआई विशाल काले के नेतृत्व में हेड कांस्टेबल आनंद वानखेड़े, अजय गिराडकर और अन्य लोगों की हिंगना पुलिस टीम देवराम को पूछताछ के लिए लेने गोंदिया पहुंची. बाद में उसने सारा राज उगल दिया. इसके बाद, पुलिस ने डीसीपी अर्चित चांडक की देखरेख में चौधरी और शेख को भी गिरफ्तार कर लिया. अदालत ने तीनों को 24 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया.