नोयडा। उत्तर प्रदेश के डाक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) नोएडा के छापेमारी में बड़े ज्वैलर्स कारोबारी को हिरासत में लिया। जांच टीम के मुताबिक नोटबंदी के दौरान 140 करोड़ के 430 किलो सोना को लोकल मार्केट में खपाने का आरोप है, जिसके बाद कार्यवाही की गई हैं। इनमें संलिप्त अन्य की तलाश की जा रही हैं।
दिल्ली की डीआरआई के एक अधिकारी ने बताया कि नोट बंदी की घोषणा के बाद कालेधन को सफेद करने के लिए बड़े-बड़े कारोबारी और व्यापारियों ने कई तरकीबे अजमाई।
दिल्ली के सबसे बड़े ज्वैलर्स कारोबारी देवाशीष गर्ग पर आरोप है कि नोएडा विशेष आर्थिक जोन की श्रीलाल महल लिमिटेड कंपनी ने नोटबंदी के बाद 140 करोड़ रुपये के कालाधन को 430 किलोग्राम सोने में खपाया।
जांच में पता चला था कि दुबई से 150 किलो सोना आयात किया गया, लेकिन निर्यात के नाम पर तांबे की बनी ज्वैलरी पर सोने की पॉलिश कर दिल्ली कार्गों पर भेज दिया गया।
इसके बाद हरकत में आई टीम ने छापेमारी शुरु कर दी। डीआरआई टीम ने सोना पालिश तांबे के 40 किलोग्राम सोने की ज्वैलरी को जब्त भी किया था।
डीआरआई के निशाने पर नोएडा विशेष आर्थिक जोन में स्थित ज्वेलरी निर्माण फैक्ट्रियां आ गईं। बुधवार को टीम ने छापेमारी करके ज्वेलरी एक्सपोर्ट कंपनी संचालक देवाशीष गर्ग को गिरफ्तार कर लिया।
अधिकारियों का कहना है कि पकड़े गए व्यापारी से पूछताछ की जा रही हैं, जिसमें संलिप्त लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया है।