नई दिल्ली। आज़ाद हिंद फ़ौज के संस्थापक सुभाषचंद्र बोस के चालक 117 वर्षीय ‘कर्नल’ निजामुद्दीन का निधन हो गया। इनका असली नाम सैफ़ुद्दीन था और इनकी मृत्यु आजमगढ़ के मुबारकपुर इलाके में अपने घर पर हुई है। पिछले कुछ दिनों से उनकी तबियत खराब चल रही थी और सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
निजामुद्दीन के अनुसार नेताजी से उनकी पहली मुलाक़ात सिंगापुर में हुई थी| जहां आज़ाद हिन्द फ़ौज की भर्ती चल रही थी।
‘कर्नल’ की उपाधि उन्हें आज़ाद हिंद फ़ौज के संस्थापक और भारतीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुभाषचंद्र बोस ने दिया था।
‘कर्नल’ निजामुद्दीन ने दावा किया था कि जब वे बर्मा में सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर थे तब नेताजी पर जानलेवा हमला हुआ था।
2014 के आम चुनावों के दौरान वाराणसी में अपने प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी निजामुद्दीन को स्टेज पर बुलाकर उनका सार्वजनिक अभिनन्दन किया था।
वर्ष 2015 में सुभाष चंद्र बोस की प्रपौत्री राज्यश्री चौधरी भी निजामुद्दीन से मिलने आजमगढ़ गई थीं।