रायपुर। राज्य सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत दी जाने वाली सहायता राशि बढ़ा दी गई है। योजना के तहत अब विवाहित जोड़े में से एक व्यक्ति के निःशक्त होने पर 50 हजार रूपए तथा दोनों के निःशक्त होने पर एक लाख रूपए सहायता राशि दी जाएगी। योजना के तहत पिछले पौने आठ वर्ष में चार हजार 101 जोड़ों का विवाह हुआ। वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट में योजना के लिए दो करोड़ रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। उल्लेखनीय है कि इस योजना में पहले प्रति जोड़ा 21 हजार रूपए सहायता देने का प्रावधान था।
महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू ने बताया कि निःशक्तजनों की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना की सहायता राशि में वृद्धि की गई है। अब विवाहित जोड़े में से एक के निःशक्त होने पर 50 हजार रूपए प्रति जोड़े तथा दोनों के निःशक्त होने पर एक लाख रूपए प्रति जोड़े के हिसाब से सहायता राशि दी जाएगी, ताकि विवाह के बाद वे अपनी गृहस्थी को अच्छी तरह व्यवस्थित कर सके। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि निःशक्तजनों के सामाजिक पुनर्वास और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए वर्ष 2005-06 से संचालित निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना में 18 वर्ष से 45 वर्ष की निःशक्त महिलाओं और 21 वर्ष से 45 वर्ष के निःशक्त पुरूष को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत वर्ष 2008-09 में 416 जोड़ों का विवाह हुआ। इसी प्रकार वर्ष 2009-10 में 290 जोड़ों, वर्ष 2010-11 में 358 जोड़ों, वर्ष 2011-12 में 815 जोड़ों, वर्ष 2012-13 में 502 जोड़ों, वर्ष 2013-14 में 619 जोड़ों, वर्ष 2014-15 में 619 जोड़ों और वर्ष 2015-16 में दिसम्बर 2016 की स्थिति में 482 जोड़ों ने योजना के तहत विवाह किया।