नई दिल्ली। हाईकोर्ट ने दिल्ली गैंगरेप मामले में नाबालिग दोषी को रिहा करने का आदेश दिया है। आरोपी को 20 दिसम्बर को बाल सुधार गृह से रिहा किया जाना है। निर्भया कांड के मुख्य आरोपी की रिहाई के हाईकोर्ट के फैसले पर पीडि़ता ज्योति सिंह (निर्भया-दामिनी) के माता-पिता ने निराशा जताई है। साथ ही कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से हमें इंसाफ नहीं मिला। इसलिए अब संसद को नाबालिग अपराधियों को सजा देने का कानून बनाने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए।
शुक्रवार को आए फैसले के बाद पीडि़ता के माता-पिता ने मीडिया से कहा कि मेरी बेटी के साथ इंसाफ नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे लाख प्रयास के बावजूद इतने बड़े अपराधी को कोर्ट ने छोड़ दिया। हमें आश्वासन मिला था कि हमें इंसाफ मिलेगा, लेकिन वह इंसाफ हमें नहीं मिला। आखिर एक मुजरिम छूट गया है।
वही उसके पिता ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि हमें उम्मीद नहीं थी कि उसे छोड़ दिया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले पर कोई प्रतिक्रिया देने से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि दोषी आरोपी को सजा दिलाने के लिए हमारा संघर्ष जारी रहेगा। हाईकोर्ट के फैसले को लेकर उच्चतम न्यायालय में अपील करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि हम उच्चतम न्यायालय में अपील करेंगे या नहीं, इस पर वकीलों से बात कर हम फैसला लेंगे।
यह है मामला
दिल्ली रेप कांड के मुख्य नाबालिग आरोपी की 20 दिसम्बर को रिहाई होनी है। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने खुफिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में रिहाई पर रोक लगाने के लिए एक याचिका दायर की थी। शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर कोई निर्देश देने से इनकार करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 28 मार्च को तय कर दी है। कोर्ट के इस फैसले से नाबालिग अपराधी की रविवार को होने वाली रिहाई का रास्ता साफ हो गया है।