बेलूर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि विपक्षी दल नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को समझने के लिए राजी नहीं हैं।
मोदी ने रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय बेलूर मठ में अपने संबोधन के दौरान युवकों से सीएए के पक्ष में जागरुकता फैलाने के लिए आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि विपक्ष दल नागरिकता संशोधन कानून को समझने के लिए तैयार नहीं हैं।
मोदी ने कहा कि सीएए ‘भारतीय नागरिकता’ लेता नहीं है बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में ‘धार्मिक उत्पीड़न’ का शिकार हुए लोगों को नागरिकता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद महात्मा गांधी और उस समय के अन्य बड़े नेताओं का मानना था कि भारत काे पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान की जानी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि युवाओं को नए भारत के संकल्प को पूरा करना है। यह युवा वर्ग ही है जो हमें समस्याओं को दरकिनार नहीं करने, उनका समना करने और समाधान करने की शिक्षा देता है।
मोदी ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा 21 वीं सदी में बदलाव लाएगी। उन्होंने कहा कि हमें स्वामी विवेकानंद जी का यह प्रसिद्ध कथन याद रखना चाहिए कि ‘मुझे 100 ऊर्जावान युवाओं को दे दो और मैं भारत को बदल दूंगा’। कुछ करने के लिए हमारी ऊर्जा, हमारा जुनून बदलाव के लिए जरूरी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछली बार जब मैं यहां आया था तब स्वामी आत्मास्थानंनदाजी का आशीर्वाद लिया था। आज वह हमारे बीच मौजूद नहीं हैं लेकिन उनका काम, उनका मार्ग रामकृष्ण मिशन के रूप में हमेशा हमारा मागदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि बेलूर मठ किसी तीर्थस्थान से कम नहीं है बल्कि मेरे लिए तो यहां हमेशा घर आने जैसा रहा है।
इसके पहले कल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन में मोदी से मुलाकात करने के बाद कहा कि सीएए के संबंध में केन्द्र की अधिसूचना मात्र कागजों पर रह जाएगी।
बनर्जी ने कहा कि मैं आपको बता देना चाहती हूं कि सीएए को लेकर केन्द्र की अधिसूचना कागज पर ही रह जाएगी। हम कम से कम इसे बंगाल में लागू नहीं होने देंगे। लाेकतंत्र में धर्म और जाति के आधार पर कुछ भी नहीं करना चाहिए। यह अमानवीय और गैरकानूनी है।
इस बीच मोदी के खिलाफ आज भी प्रदर्शन हुए। राज्य और शहर के कई इलाकों में सैकड़ों छात्र कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और ‘गो बैक माेदी ’ के नारे लगाए।