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दो बच्चों की मौत के बाद डराने लगा ‘अमृत’

 

दूध पिलाने से घबरा रहे अभिभावक

जगदलपुर। बीजापुर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की अमृत योजना का दूध पीने से दो बच्चों की मौत से आंगनबाड़ी जाने वाले बच्चों के अभिभावकों में दहशत पैदा हो गई है अभिभावक ही नहीं केन्द्र का संचालन करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, पर्यवेक्षक, परियोजना अधिकारी सब डरे सहमे हैं। इसका असर दिखाई दिया अमृत दूध वितरण के लिए नियत दिन बस्तर संभाग के नब्बे फीसदी से अधिक केन्द्रों में बच्चों ने दूध नहीं पिया।
विभिन्न जिलों से मिली सूचनाओं के अनुसार घटना के बाद से ही बच्चों के अभिभावकों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को कह दिया है कि उनके बच्चों को दूध न पिलाया जाए, सहायिकाएं बच्चों को लेने उनके घर गईं तो माताओं का साफ कहना था कि आंगनबाड़ी लेकर जा रहे हो लेकिन याद रखना उन्हें दूध मत देना जैसी बाते सामने आई है।
जगदलपुर शहरी परियोजना अंतर्गत गुरू घासीदास वार्ड के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक एक और दो में दूध का वितरण नहीं किया गया। केंद्र के बच्चे लखी, तानिया, खुशी के अभिभावक यह देखने के लिए केन्द्र पहुंच गए थे कि बच्चों को दूध तो नहीं दिया जा रहा है। इसी वार्ड के पार्षद गली स्थित आंगनबाड़ी केन्द्र में सहायिका नहीं है और कार्यकर्ता अवकाश पर है। यहां भी दूध का वितरण किया जाना था पर नहीं किया गया। बकावंड ब्लाक के ग्राम पाहुरबेल में अभिभावकों के मना करने के कारण बच्चों को दूध नहीं पिलाया गया। इसी ब्लाक के जैतगिरी में एक बूढ़ी औरत अपने नाती-नातिन को लेकर खुद ही आंगनबाड़ी पहुंची थी। बस्तर परियोजना में कई सेक्टरों से कार्यकर्ताएं दूध के पैकेट लेने परियोजना कार्यालय आई थीं। कुछ क्षेत्रों में दूध के पैकेट पहले ही पहुंचा दिए गए थे, लेकिन भयवश और अभिभावकों की नाराजगी को देखते कार्यकर्ताओं ने दूध वितरण से खुद परहेज किया। कावडग़ांव की कार्यकर्ता सोनीबाई, गुरिया की कार्यकर्ता लच्छिमवती ने बताया कि अभिभावकों में विश्वास पैदा करने में अभी समय लगेगा। कार्यकर्ताओं का कहना था कि अभिभावकों को समझाया जाएगा और विश्वास पैदा करने के बाद ही दूध पिलाएंगे।
अमृत दूध बच्चों को पिलाने से पहले कार्यकर्ता पहले खुद दूध का स्वाद लेंगी यह निर्देश पहले से है और बीजापुर की घटना के बाद इसे दुबारा प्रमुखता से स्थापित किया जा रहा है। विभागीय सचिव द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि विश्वास बढ़ाने के तौर पर कार्यकर्ता दूध की गुणवत्ता और स्वाद स्वयं चखकर देखेंगी। कार्यकर्ताओं से चर्चा करने पर उनका कहना था कि वे दूध का स्वाद चखने के बाद ही वितरण करेंगी।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुश्री शैल ठाकुर ने हमारे संवादाता को चर्चा में बताया कि कई परियोजनाओं में दूध का वितरण किए जाने की सूचना मिली है, कई केंद्रों में वितरण नहीं हुआ है उन्होंने बताया कि दूध की गुणवत्ता और स्वाद में किसी तरह की कमी नहीं है दूध वितरण की योजना बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व मिले इसलिए शुरू की गई है उन्होंने स्वीकार किया कि बीजापुर का मामला सामने आने के बाद अभिभावकों में कुछ भय की स्थिति बनी है लेकिन इसे दूर कर लिया जाएगा जिला कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि सुपोषण चौपाल, महिला मंडल, महतारी पंचायत की बैठकों, जागृति शिविरों के माध्यम से अमृत दूध वितरण योजना की अच्छाई लोगों को बताई जाएगी शैल ठाकुर ने बताया कि सभी परियोजना अधिकारियों को दूध वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी।