नई दिल्ली। देश के पहले संविधान दिवस के मौके पर दिल्ली सरकार की ओर से प्रकाशित विज्ञापन में धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द प्रकाशित नहीं किए गए। इस पर राजनीतिक मुद्दा छिड़ गया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे भूल बताते हुए माफी मांगी है।
संविधान दिवस पर गुरुवार को प्रकाशित दिल्ली सरकार के विज्ञापन में संविधान की प्रस्तावना में समाजवाद और पंथ निरपेक्ष शब्द ही नहीं थे। देश के पहले संविधान दिवस के मौके पर अंग्रेजी अखबारों में दिए गए इस विज्ञापन में इसके अलावा और भी कई गलतियां थीं। विज्ञापन के सामने आने के बाद ही इसकी आलोचना शुरू हो गई। इसके बाद दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी ने माफी मांगी।
मामले पर माफी मांगते हुए दिल्ली के एससी-एसटी और ओबीसी वेलफेयर मिनिस्टर संदीप कुमार ने माना कि विज्ञापन में गलती थी और सरकार उसके लिए माफी मांगती है। मामले की जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश भी है कि कहीं किसी ने जानबूझकर यह गलती तो नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मामले को गंभीरता से लिया और सूचना व प्रकाशन विभाग के डायरेक्टर को निर्देश दिए हैं कि मामले की जांच कराई जाए। डायरेक्टर से भी सवाल किया गया है कि संविधान की प्रस्तावना में मौजूद इतने महत्वपूर्ण शब्द कैसे गायब हो गए?
संविधान दिवस पर एक कार्यक्रम में शामिल हुए दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए मांफी मांगी है।