वॉशिंगटन. फ्लोरिडा के शार्लोट काउंटी में कथित तौर पर नल के पानी से अपनी नाक धोने के बाद एक व्यक्ति की मौत की घटना ने कई लोगों को डरा दिया है. नल के पानी से हुई मौत की पुष्टि फ्लोरिडा के स्वास्थ्य विभाग द्वारा होने के बाद मस्तिष्क खाने वाले अमीबा नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleria fowleri) का डर एक बार फिर लोगों के मन में बैठ गया है.
विभाग के अनुसार, नेगलेरिया फाउलेरी से संक्रमण केवल तभी हो सकता है जब अमीबा से दूषित पानी नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है. अमीबा नाक के रास्ते शरीर में प्रवेश करता है और फिर मस्तिष्क की ओर जाता है. जीव मस्तिष्क के टिश्यू को नष्ट कर देता है जो प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक हानिकारक संक्रमण का कारण बनता है. संक्रमण ज्यादातर मामलों में घातक होता है.
शार्लोट काउंटी में फ्लोरिडा स्वास्थ्य विभाग ने निवासियों को कुल्ला करते समय केवल डिसटिल वॉटर (Distilled Waster) का उपयोग करने की चेतावनी दी. नल के पानी को कम से कम एक मिनट के लिए उबाला जाना चाहिए और नाक धोने (Sinus rinsing) के लिए इसे इस्तेमाल करने से पहले ठंडा किया जाना चाहिए. यूएस फूड एंड ड्रग वेबसाइट के अनुसार नल का पानी जिसे निष्फल नहीं किया गया है, वह नाक के कुल्ला के रूप में उपयोग करने के लिए सुरक्षित नहीं है. ऐसे पानी में सूक्ष्मजीवों के निम्न स्तर हो सकते हैं, जैसे कि बैक्टीरिया (bacteria), प्रोटोजोआ (protozoa) और अमीबा.
क्या होता है दिमाग खाने वाला अमीबा
इस अमीबा को साइंस की भाषा में नेगलेरिया फाउलेरी के नाम से जाना जाता है जो पूरे संयुक्त राज्य में मिट्टी और गर्म ताजे पानी, जैसे झीलों, नदियों और गर्म झरनों में पाया जा सकता है. आमतौर पर इसे “मस्तिष्क खाने वाला अमीबा” कहा जाता है, जिससे मस्तिष्क के संक्रमण का खतरा बना रहता है. यह आमतौर पर तब होता है जब अमीबा युक्त पानी नाक के माध्यम से ऊपर जाता है, जैसे कि तैरते समय. यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका में हर साल लगभग तीन लोग संक्रमित होते हैं, और ये संक्रमण आमतौर पर घातक होते हैं.