नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने टेलीफोन एक्सचेंज घोटाले में पूछताछ के लिए शुक्रवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को सात दिन के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरों (सीबीआई) के समक्ष पेश होने के लिए कहा है।
हालांकि शीर्ष अदालत ने यह साफ कर दिया है कि मारन से किसी भी हिरासत में पूछताछ नहीं की जाएगी।
दयानिधि मारन 2004 से 2007 तक संचार मंत्री थे। मारन पर आरोप है कि बतौर दूरसंचार मंत्री अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने चेन्नई में अपने आवास पर अनाधिकृत तौर पर टेलीफोन एक्सचेंज बनाया था। इसमें उन्होंने 23 टेलीफोन लाइनों को जोड़ा था। इसका फायदा कथित रूप से सन टीवी को मिल रहा था।