अम्बाला। पंजोखरा साहिब में एक बच्चा 30 फीट गहरे बोरबेल में गिर गया। आसपास के लोगों को जैसे ही इसका पता चला, वहां अफरा-तफरी मच गई। लोगों ने पुलिस को जानकारी दी। इस बीच, एक किसान रणधीर सिंह ने सरिए और रस्सी की मदद से सिर्फ 45 मिनट में बच्चे को बाहर निकाल लिया। बच्चे का नाम कर्ण है।
यह घटना हल्दाहेड़ी से करीब 25 किमी दूर हुई। पंजोखरा साहिब के खेतों में एक महिला अपने बच्चे को लेकर खेत में घास काटने गई थी। वह बच्चे को नीचे बैठाकर घास काटने लगी। इस बीच 3 साल का कर्ण खेलते हुए 12 इंच चौड़े बोरवेल के पास पहुंच गया। वहां ढलान होने के कारण वह फिसलकर 30 फीट गहरे बोरवेल में गिर गया।
इसका पता लगते ही अफरा तफरी मच गई। इसी बीच रणधीर ने गांव के लोगों से सरिए और रस्सी लाने को कहा। फिर उसने दो सरिए को यू आकार में मोड़ा। इसके बाद धीरे-धीरे रस्सी बोरवेल में उतारी और इसे गोल-गोल घुमाता रहा, ताकि सरिया बच्चे की कपड़ों में फंस जाए।
रणधीर ने बताया कि जैसे ही मुझे महसूस हुआ कि सरिए का एंगल बच्चे की टीशर्ट में छाती और पीठ की तरफ फंस चुका है तो मैंने रस्सी को घुमाया, ताकि सरिया अच्छी पकड़ बना लें। इसके बाद रस्सी को धीरे-धीरे खींचना शुरू किया। बच्चे को ऊपर लाने में 45 मिनट लगे।
इसलिए बच गई जान
रणधीर सिंह ने बताया कि पहले बच्चे का सिर वाला हिस्सा बाहर आया, क्योंकि वह बोरवेल में सीधा गिरा था। वह गर्दन तक गीला था। उलटा गिरा होता तो मुंह पानी में जाने के कारण जान जा सकती थी। बोरवेल से निकालने के बाद बच्चे को प्राथमिक सामुदायिक केंद्र ले जाया गया, जहां उसने उल्टियां कीं। इसके बाद उसे अम्बाला कैंट रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि अगर बच्चा एक घंटा और बोरवेल में रह जाता तो जान जा सकती थी, क्योंकि गर्दन से नीचे का हिस्सा पानी में रहने से ठंडा पड़ चुका था।