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तिरुमाला मंदिर 44 गैर हिन्दू कर्मचारियों को हटाने के नोटिस, दूसरी जगह करेंगे एडजेस्ट

तिरुमाला। आंध्र प्रदेश के मशहूर तिरुपति मंदिर की एक महिला कर्मचारी चर्च में प्रार्थना करती है। इसका सनसनीखेज वीडियो सामने आने पर विवाद खड़ा हो गया। हिंदूवादी संगठनों के विरोध के बाद अब 44 गैर हिंदू कर्मचारियों को मन्दिर की सेवा से हटाकर अन्य जगह समायोजित किया जाएगा।

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चर्च में प्रार्थना करने वाली महिला की पहचान मंदिर की डिप्टी एक्जिक्यूटिव स्नेह लता के तौर पर हुई है। आरोप है कि वो हर रविवार मंदिर की कार से चर्च जाती हैं। इस मामले की जांच के दौरान सामने आया कि एक-दो नहीं बल्कि 44 गैर हिन्दू कर्मचारी तैनात हैं। स्नेहलता की तैनाती साल 1986 में हुई थी। उस वक्त गैर हिन्दू कर्मचारी तैनात करने पर पाबंदी नहीं थी। साल 1988 में गैर हिन्दुओं को नौकरी पर ना रखने का नियम आया था।

वीडियो आने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने मांग की कि सभी गैर हिन्दू कर्मचारियों को मंदिर से निकाला जाए। इस पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने अपने 44 गैर हिंदू कर्मचारियों के खिलाफ नोटिस जारी किया है। इन सभी कर्मचारियों को “थिरु- नामम” अनिवार्य करने का आदेश दिया है। इन सभी की नियुक्ति का मामला ज्यादा जोर पकड़ने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में दखल दिया है। राज्य सरकार ने कहा है कि मंदिर में तैनात सभी 44 गैर हिन्दू कर्मचारियों को अन्य विभागों में नौकरी दी जाएगी।

साथ ही टीटीडी बोर्ड ने ‘थिरू-नामम’ को अनिवार्य करने का आदेश दिया है। ‘थिरू-नामम’ माथे के मध्य पर लगने या बनाए जाने वाला एक निशान है जो सफेद चंदन की मोटी रेखा से घिरा होता है।

मालूम हो कि मंदिर के दिशा- निर्देशों के अनुसार अब कोई भी गैर हिंदू इस मंदिर में ना तो काम कर सकता है और ना ही किसी सर्विस का हिस्सा बन सकता है। यहां तक कि अगर वे मंदिर में प्रवेश भी करना चाहते हैं, तो उन्हें पहले हस्ताक्षर कर ये साबित करना होगा कि उनके मन में हिंदू भगवान के प्रति सच्ची श्रद्धा है।