बैजनाथ। नैरोगेज पर छुक छुक दौड़ने वाली टॉय ट्रेन की सवारी करने के लिए लोगों व पर्यटकों को शुरू होने का अभी और इंतजार करना पड़ सकता है, वहीं रेलवे स्टेशन पपरोला-बैजनाथ मंदिर भी रेल पहुंचने के लिए टकटकी लगाए बैठा है। इस रेल की बहाली भी भविष्य के गर्भ में छुपी हुई है।
देश मे सिर्फ रिजर्व कैटेगिरी की रेल सेवा ही शुरू हो पाई है, जबकि विभाग के अनुसार पठानकोट जोगिंद्रनगर रेल सेवा अनरिजर्व केटेगिरी में आती है। इस रेल को चलाने के लिए के रेल मंत्रालय से विचार विमर्श चल रहा है। गौरतलब है कि कोरोना कोविड-19 के शुरू होने के बाद पठानकोट जोगिंद्रनगर रेल सेवा मार्च 2020 से बंद है। जिसके कारण रेल विभाग को भारी घाटा झेलना पड़ा है।
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पठानकोट जोगिंद्रनगर रेल मार्ग कई बार कई बार भू-स्खलन के कारण बाधित रहता है, लेकिन कोरोना के चलते इस बार यह रेल सेवा लगभग एक साल से बन्द पड़ी है ।
हालांकि अपने पिछले पपरोला दौरे के दौरान रेल विभाग के उच्चाधिकारियों ने बताया था कि कोरोना के चलते सरकार के द्वारा दी गई गाइडलाइन को ध्यान में रख कर ही रेल सेवा की बहाली पर विचार किया जाएगा, लेकिन अभी तक मंत्रालय और सरकार ने इस सेवा को शुरू करने के संकेत नही दिए है।
जिसके चलते अब इस सेवा को शुरू करने के लिए समय लग सकता है।
सरकार ने कोरोना काल के समय मे बंद पड़ी बस सेवा को तो बहाल कर दिया है, लेकिन रेल सेवा को अभी तक बन्द रखने के कारण कांगड़ा घाटी की लाइफ लाइन कही जाने बाली इस सेवा के लिए अभी और इन्तजार करना पड़ सकता है।
उधर, डी.आर.एम. रेलवे विवेक ने कहा कि स्टेट गवर्नमेंट का रेलवे मंत्रालय से विचार-विमर्श चल रहा है कोविड प्रोटोकॉल से केवल रिर्जवड ट्रेनों को चलाया जा रहा है। पठानकोट से जोगिंद्रनगर के लिए चलने वाली ट्रेन अनरिर्जवड केटेगिरी में आती है। जैसे ही मंत्रालय के दिशा निर्देश मिल जाएंगे ट्रेन चला दी जाएगी।