बेंगलुरू। कर्नाटक में मैसूर शासक टीपू सुल्तान जयंती के अवसर पर राज्य सरकार की ओर से आयोजित कार्यक्रम के मद्देनजर यहां सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी की गई है। दक्षिणपंथी संगठन इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं।
अर्धसैनिक बलों की टुकड़ियों समेत अतिरिक्त सुरक्षा बलों को बेंगलुरू, कोडागु, मांड्या, मैसुरू, मंगलुरू और पूरे दक्षिण क्षेत्र में सामान्य जनजीवन में व्यवधान और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए तैनात किया गया है
भारतीय जनता पार्टी और कई दक्षिणपंथी संगठन इस समारोह का विरोध कर रहे हैं। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कमल पंत ने कहा कि कानून व व्यवस्था बनाए रखने और टीपू समारोह में शांति सुनिश्चित करने के लिए पूरे राज्य में निगरानी रखी जा रही है। आज के दिन शराब की बिक्री को भी बंद कर दिया गया है।
पंत ने कहा कि कर्नाटक राज्य रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) की 200 टुकड़ियों, शहर सशस्त्र पुलिस और शहर सशस्त्र बल (सीएआर) और 6,000 होम गार्डो को शनिवार सुबह तक के लिए संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है।
सत्तारूढ़ कांग्रेस वर्ष 2015 से 10 नवंबर को 18वीं शताब्दी के मैसूर शासक को देशभक्त के रूप में सम्मान देने और क्षेत्र के लोगों के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान को याद करने के लिए उनकी जयंती मनाती है।
मैसूर के शासक हैदर अली के बड़े पुत्र टीपू (1750-1799) को अपने राज्य को बढ़ाने और इसकी रक्षा के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ाई लड़ने के लिए ‘मैसूर के बाघ’ के रूप में जाना जाता है।
वर्ष 1799 में मैसूर के समीप श्रीरंगपट्टनम में अपने किले की रक्षा करने के दौरान अंग्रेजो से लड़ते हुए उनकी मौत हो गई थी।
टीपू की 267वीं जयंती बेंगलुरू के बाहरी इलाके में स्थित उनके जन्म स्थल देवानहल्ली गांव में भी मनाई जा रहा है। इसके अलावा उनके राज्य के अधीन शहरों और गांवों में भी यह जयंती मनाई जा रही है।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया शुक्रवार शाम साढ़े छह बजे आमंत्रित लोगों की उपस्थित में राज्य सचिवालय के विधान सौध में ‘हजरत टीपू सुल्तान जयंती’ समारोह का उद्घाटन करेंगे।
पुलिस ने कोडागु जिले के मदिकेरी शहर में धारा 144 लगा दी है। यहां 2015 में विरोध प्रदर्शन में एक व्यक्ति की जान चली गई थी। भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के लगभग 200 कार्यकर्ताओं को मदिकेरी में प्रतिबंधों के उल्लंघन के कारण हिरासत में लिया गया है।