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जेल में 11 महिला कैदी कर रही व्रत, जेल प्रशासन ने उपलब्ध कराया का सामान

सहरसा। मंडल कारा में सजा काट रहीं 11 महिलाएं अपने बेटों की लंबी आयु के लिए जीवित पुत्रिका व्रत कर रही है। इन व्रतियों को जेल प्रशासन की ओर से व्रत में उपयोग होने वाली सारी सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। मंगलवार को जेल में बंद व्रतियों ने अहले सुबह ओठगन किया। फिर प्रसाद ग्रहण कर शर्बत पीकर लगभग 36 घंटे का अत्यंत कठिन और निर्जला व्रत शुरू किया, जो आज बुधवार को पांच बजे खत्म होगा।
मंडल कारा के जेल अधीक्षक अमित कुमार ने कहा कि जेल में बंद ग्यारह महिलाएं जिउतिया व्रत कर रही हैं। उन्हें व्रत के लिए उपयोग होने वाली सारी सामग्री जेल प्रशासन की ओर से उपलब्ध करा दी गई है। जेल अधीक्षक ने यह भी कहा कि सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सजायाफ्ता अथवा विचाराधीन हर कैदी की आस्था का सम्मान करते हुए उन्हें सुविधाएं उपलब्ध कराना है। ऐसे में हर पूजा-व्रत में सुविधा के अनुसार उनकी जरूरत पूरी की जाती है।
गौरतलब है कि संपूर्ण मिथिला क्षेत्र में पुत्र के दीर्घायु होने की कामना लिए माताओं द्वारा अत्यंत कठिन व निर्जला व्रत करने की परंपरा रही है। आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाए जाने वाले इस पर्व को जीवित पुत्रिका व्रत या जिउतिया भी कहते हैं। यह कभी 24 घंटे तो कभी 36 घंटे का व्रत होता है।

मंगलवार की अहले सुबह नहाय खाय से शुरू हुआ व्रत बुधवार की शाम पांच बजे पारण के साथ खत्म होगा। इस 36 घंटे की अवधि में व्रती महिलाएं पानी की एक बूंद तक ग्रहण नहीं करेंगे। व्रती महिलाएं बुधवार की शाम स्नान-ध्यान के बाद प्रसाद ग्रहण कर पारण करेंगी। उसके बाद ही भोजन ग्रहण करेंगी।