लंदन। पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की एकमात्र सन्तान बेटी दीना वाडिया का गुरुवार को 98 साल की उम्र में यहां निधन हो गया। पारसी मां रति से जन्मी दीना का जन्म 15 अगस्त 1919 में लंदन में हुआ था। दीना ने लंदन में अपनी अंतिम सांस ली।
जिन्ना का वैवाहिक जीवन बहुत नाजुक और बेहद छोटा रहा। उन्होंने अपनी मुस्लिम छवि के चलते अपनी पारसी पत्नी रति से दूरी बना ली। बाद के दिनों में जिन्ना ने अपनी पत्नी और बेटी दोनों को छोड़ दिया। बाद में जब दीना की उम्र 10 साल थी, तब उनकी मां रति की मृत्यु हो गई।
कई इतिहासकारों के मुताबिक, जिन्ना की राजनीतिक महत्वाकांक्षा ही उनका विवाह के टूटने का कारण रही। जिन्ना को अपनी मुस्लिम छवि का डर सता रहा था। 1920 के आस-पास जिन्ना एक मुसलमान नेता के तौर पर तेजी से आगे बढ़ रहे थे। उधर दीना अपनी मां के साथ एक गुमनामी भरी जिंदगी जी रही थीं।
रति जिन्ना एक खुले खयालों वाली महिला थीं इसलिए उन्होंने अपनी बेटी को भी खुले माहौल में पाला। इसी खुलेपन की वजह से दीना की जिंदगी में जब एक गैर मुस्लिम नेविली वाडिया आए तो वह उन्हें स्वीकार करने में पीछे नहीं हटीं। लेकिन अपनी छवि के चलते जिन्ना को बेटी के इस प्यार पर आपत्ति थी।
1936 में दीना की मुलाकात पारसी बिजनेसमैन नेविली वाडिया से हुई। नेविली वाडिया उस दौर के मशहूर टेक्सटाइल इंडस्ट्रियलिस्ट नैस वाडिया के बेटे थे। नेविली का परिवार पारसी था जबकि उनकी मां एक क्रिश्चियन थीं। ब्रिटेन में पैदा हुए नेविली दीना को अपने रंग-ढंग के लगे और दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया।