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जिंदा है कसाब!


पाक अदालत में गवाह पलटा
इस्लामाबाद। भारत की व्यापारिक राजधानी मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के मामले में पाकिस्तान में अभियोजन पक्ष को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब एक प्रमुख गवाह ने अपनी बात से पलटते हुए कहा कि हमले के बाद जिंदा पकड़ा गया और फिर फांसी पर लटका दिया गया बंदूकधारी अजमल कसाब जिंदा है। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होनी है।

 
अदालत के एक अधिकारी ने आज कहा कि फरीदकोट के प्राथमिक विद्यालय के हैडमास्टर मुदस्सिर लखवी ने बुधवार को आतंकवाद-रोधी अदालत को बताया कि उन्होंने कसाब को पढ़ाया था और वह जिंदा है। अजमल कसाब इस स्कूल में तीन साल तक पढ़ा था।

अधिकारी ने कहा कि हैडमास्टर ने अजमल कसाब के जिंदा होने का दावा कर अभियोजन पक्ष के लिए बहुत शर्मिंदगी वाली हालत पैदा कर दी। उन्हें कुछ प्रासंगिक रिकॉडों के साथ उस अवधि का रिकॉर्ड पेश करना था, जब अजमल कसाब वहां पढ़ा था लेकिन वह कुछ और ही कहते रहे। वहीं अभियोजन पक्ष भी उनसे सही ढंग से जिरह करने में विफल रहा है।
भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाक प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के बीच बुधवार को हुई बैठक में पाकिस्तान ने भारत को आश्वासन दिया था कि मुंबई हमलों के मामले की सुनवाई के लिए जल्द फैसले करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
अधिकारी ने कहा कि हैडमास्टर दरअसल आरोपी जकीउर रहमान लखवी के शहर का है और ऐसी संभावना है कि उसका बयान लखवी के दबाव में आया हो। मई 2014 में हैडमास्टर ने अदालत को बताया था कि कसाब अब भी जिंदा है।

 

अभियोजन पक्ष ने आवेदन दायर कर अदालत से गवाह के पलट जाने के आधार पर उससे दोबारा पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। उसे बुधवार को तलब किया गया था लेकिन वह अपने पिछले बयान पर कायम रहा है।
हैडमास्टर ने भारत में फांसी पर लटकाए गए कसाब का कोई संदर्भ नहीं दिया और न ही यह जिक्र ही किया कि क्या वह कसाब वही व्यक्ति था, जो फरीदकोट के स्कूल में पढ़ता था।

 

गवाह ने पहले यह भी दावा किया था कि जरूरत पडऩे पर कसाब को अदालत में पेश किया जा सकता है। वहीं मुंबई हमला मामले की अगली सुनवाई अब 16 दिसंबर को होगी।
उल्लेखनीय है कि भारत लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को मुंबई हमलों की साजिश रचने का दोषी मानता है। उन हमलों में 166 लोग मारे गए थे। शुरुआत में पाकिस्तानी अधिकारियों ने कसाब के पाकिस्तानी नागरिक होने के भारतीय दावों को खारिज कर दिया था, लेकिन बाद में उन्होंने यह पुष्टि की थी कि इन हमलों में जिंदा पकड़ा गया एकमात्र हमलावर पाकिस्तान से था। कसाब को नवंबर 2012 में पुणे की एक जेल में फांसी दे दी गई थी।

मुंबई हमलों में कथित भूमिका को लेकर लश्कर- ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, सादिक, शाहिद जमील, जमील अहमद और यूनुस अंजुम के खिलाफ अदालत में मुकदमा वर्ष 2009 से चल रहा है। लखवी को दिसंबर 2014 में जमानत मिल गई थी। इस वर्ष अप्रेल में लाहौर उच्च न्यायालय ने लखवी को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में ही रखने के सरकारी आदेश को दरकिनार कर दिया था, जिसके बाद वह अडियाला जेल से बाहर आ गया था। फिलहाल लखवी जमानत पर है और किसी अज्ञात स्थान पर रह रहा है।