चंबा। हिमाचल प्रदेश में चंबा जिले में जनजातीय पांगी इलाके में अंधविश्वास के कारण एक परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई।
यह मामला रेई पंचायत का है। महिला ने फंदा लगाया और घर में 18 साल के बेटे का कंकाल बरामद हुआ है। माना जा रहा है कि युवक की मौत कई दिन पहले हो चुकी थी। जिसके चलते युवक का शरीर कंकाल में तब्दील हो गया था। जबकि बेटी की मौत तीन दिन पहले चंबा मेडिकल कॉलेज में हुई थी।
पुलिस ने आशंका जताई है कि महिला अपने बेटे को जिंदा करने की कोशिश कर रही होगी लेकिन कामयाब न होने पर आत्महत्या कर ली। बालक की मौत फिलहाल रहस्य बनी हुई है।
प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि परिवार का गांव के लोगों से मेलजोल नहीं था। कोई भी इनके घर पर आता-जाता नहीं था और अंधविश्वास व जादू टोने के कारण मृतका घर पर ही परिवार का ईलाज इत्यादि करती थी। मामले की पुष्टि चंबा डीएसपी अभिमन्यु ने की है।
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उन्होंने बताया कि प्यार देई (42) गांव मझरौऊ पंचायत रेई ने घर में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। महिला ने उस समय फंदा लगाया जब घर पर अन्य कोई भी मौजूद नहीं था। महिला का पति वेद व्यास रविवार को पांगी से अपनी दो बेटियों को इलाज के लिए चंबा लेकर गया था।
दो दिन पहले एक बेटी की मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। जिसका अंतिम संस्कार जिला में करवाया। दूसरी बेटी अभी तक मेडिकल कॉलेज में उपचाराधीन है। वीरवार को जब वह वापस पांगी अपने घर लौटा तो उसकी पत्नी फंदे पर लटकी हुई थी। इसकी सूचना वेद व्यास ने अपने पड़ोसियों को दी।
सूचना मिलने पर जब पुलिस टीम जांच के लिए घर पहुंची तो महिला का शव फंदे पर झूल रहा था। इसके बाद पुलिस ने घर की तलाशी ली। दूसरे कमरे में पुलिस को महिला के बेटे का कंकाल बरामद हुआ।
उन्होंने बताया कि शवों को पुलिस ने दोनों शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला मेडिकल कॉलेज भेज दिए हैं। फोरेंसिक एक्सपर्ट मेडिकल कॉलेज में शवों का पोस्टमार्टम करेंगे। पुलिस मामला दर्ज कर लिया है और मौत के सही कारणों का बिसरे की रिपोर्ट के बाद चलेगा।