जयललिता का सोमवार देर रात दिल के काम बंद कर देने से निधन हो गया था। उन्हें उनके राजनीतिक गुरु पूर्व मुख्यमंत्री एमजी रामचन्द्रन की ही तरह एमजीआर मेमोरियल के नजदीक दफनाया गया। इससे पहले उनके अंतिम संस्कार को लेकर पसोपेश की स्थिति बनी हुई थी। प्रशासन ने जेसीबी मशीनों के जरीए उस स्थान को तैयार कर लिया है जहां जयललिता को दफनाया जाना था। बताया गया कि पूर्व में द्रविड़ आंदोलन से जुड़े नेताओं को भी दफनाया गया था जिनमें mgr भी शामिल थे। इसलिए सरकार और जयललिता की सहेली शशिकला ने उन्हें दफनाने का निर्णय किया।