कानपुर। दिल्ली की निर्भया काण्ड के बाद साल 2014 में महिलाओं के लिए निर्भीक रिवाल्वर को बाजार में उतारा गया था जिसका उद्घाटन 18 मार्च 2014 को कानपुर में हुआ।
उद्घाटन के दौरान कुल 10 लोगों को इसकी डिलीवरी खुद आर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड के चेयरमैन एम.सी. बंसल ने अपने हाथों से की थी। मगर अब इसे आयुध निर्माण फैक्ट्री के अधिकारी महिलाओं का रिवाल्वर बोलने से बच रहे है।
इनका मानना है कि इसके चलते ही निर्भीक की बिक्री पर असर पड़ रहा है, जबकि इसका सबसे ज्यादा खरीददार यूपी और पंजाब है। फील्ड गन फैक्ट्री अपना 217वां जन्मदिन मनाने जा रहा है। ऐसे में इस बार महिलाओं के रिवाल्वर निर्भीक पर चर्चा करने से अधिकारी बचते दिख रहे है।
कानपुर आयुध फैक्ट्री के महाप्रबंधक ने तो यहां तक कह डाला कि महिलाओं को निर्भीक रिवाल्वर की जरुरत ही क्या है, जो रिवाल्वर कैरी कर सकती है वो अपने आप में निर्भीक है।
मीडिया से बात करते हुए वहां मौजूद सभी अधिकारियों ने सफाई देते हुए कहा कि, जो पहले रिवाल्वर बनता था उसका भार कुल 750 ग्राम था। ऐसे में उसके भार को कम करने के लिए इसमें टाइटेनियम एलॉइड का इस्तेमाल किया गया। जिससे इसका भार 500 ग्राम हो गया। अब उद्धघाटन के समय इसे क्यों महिलाओं का रिवाल्वर कहा गया ये तो तत्कालीन अधिकारी ही बता सकते है।
अफसरों का यहां तक कहना है कि महिलाओं की इमेज के चलते ही इस रिवाल्वर की बिक्री लगातार घटने लगी थी। इसलिए हुजूर इसे महिलाओं का रिवाल्वर मत कहिये। हालांकि की मौजूदा समय में इसकी बिक्री बढ़ाने के लिए अफसर ने कवायद तेज कर दी है। अफसरों की माने तो जल्द ही इसकी बिक्री में बढ़ोत्तरी देखी जाएगी।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए की गई थी तैयार
महिलाओं के लिए बनाई गई निर्भीक रिवाल्वर को तैयार करने में तीन साल का समय लगा था। पहले इसका वजन साढ़े सात सौ ग्राम था, मगर बाद में इसे मोडिफाई कर पांच सौ ग्राम का कर दिया गया। इसमें टाइटेनियम एलॉइड का इस्तेमाल किया गया है। तत्कालीन जीएम के मुताबिक महिलाओं को लेकर हमारा काम पहले से ही चल रहा था मगर दिल्ली में हुए निर्भया काण्ड के बाद इसका नाम निर्भीक रखा गया था। जो कही न कही उससे प्रेरित था। इसके लॉन्चिंग के समय करीब सौ रिवाल्वर की बुकिंग हुई थी। जिसमें 15 फीसदी महिलायें ही शामिल थी। साल भर में तीन सौ निर्भीक रिवाल्वर की डिलिवरी की जा चुकी थी।
महिला छाप के चलते पड़ा असर
एक तरफ इसकी सवा लाख रुपये कीमत को देखते हुए इससे महिलायें दूर होने लगी थी, तो पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के उपभोक्ताओं ने इसे ये कहकर लेने से मना कर दिया था कि ये जनानी रिवाल्वर है।
महिलाओं का कहना है
बाराबंकी से आईं कल्पना पाण्डेय के मुताबिक महिलाओं के लिए बनाई गई निर्भीक रिवाल्वर बहुत हल्की है और इसको चलाने में भी परेशानी नहीं है। अपनी सेफ्टी के लिए हथियार रखना जरुरी हो गया है क्योंकि हर समय न तो पति साथ में होते है और न ही बेटा।