पुरी। हिन्दुओं के चार धामों में से एक पुरी के जगन्नाथ मंदिर के खजाने की चाबी रहस्यमय तरीके से गायब है। इसे लेकर राज्य के सियासी हलके में बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। है
यह मंदिर आय के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े मंदिरों में शुमार है। ऐसा दावा किया जाता है कि 50 करोड़ रुपये की वार्षिक आय के साथ इसकी कुल संपत्ति 250 करोड़ रुपये है। 12 वीं शताब्दी से इस खजाने को लूटने 18 बार मंदिर पर हमला किया गया, लेकिन कोई लूट नहीं पाया। इस मंदिर में 7 कक्ष हैं, जिनमें से केवल 3 मंदिर द्वार खोले गए हैं।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य रामचंद्र दास महापात्रा ने बताया कि रत्न भंडार के आंतरिक कक्ष की चाबी गायब हो गई है. उनका आरोप है कि यह चाबी तब से गायब है जब ओडिशा उच्च न्यायालय के आदेश पर 4 अप्रैल को 34 साल बाद जांच के लिए टीम यहां आई थी।
चाबी ना तो श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के पास है और ना ही पुरी जिला कोषागार को इसके बारे में पता है।
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इस घटना के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की। बीजेपी ने तो मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से इस घटना पर स्पष्टीकरण देने की मांग कर दी है। उड़ीसा बीजेपी के प्रवक्ता पीतांबर आचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए कि चाबी कैसे गायब हुई और इसके लिए कौन जिम्मेदार है।