नई दिल्ली। भारत में मोबाइल फोन चोरी की वारदात से हर कोई परेशान है। खास बात यह है कि चोरी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल गैर-कानूनी गतिविधियों में होने की आशंका बनी रहती है। लेकिन अब इसी साल मोबाइल चोरों पर नकेल कसने वाली है।
सरकार ने मोबाइल चोरी पर काबू पाने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) को Central Equipment Identity Register (CEIR) के लिए 15 करोड़ रुपए दिए थे। इस सेवा के माध्यम से चोरी हुए मोबाइल का पता आसानी से लगाया जा सकता है।
इस साल मई से महाराष्ट्र सर्किल में इसे लागू कर दिया गया है। देश के 21 अन्य दूरसंचार सर्किल में कई चरणों में दिसंबर तक इस सेवा को शुरू कर दिया जाएगा।
पुलिस नहीं लेती गम्भीरता से
हमारे देश की पुलिस मोबाइल चोरी की घटनाओं को उतनी गंभीरता से नहीं लेती जबकि इन्हीं चोरी हुए मोबाइल का इस्तेमाल आतंकी गतिविधि में भी हो सकता है। हाल में दिल्ली के उत्तम नगर वेस्ट की रहने वाली उपासना वोहरा ने भी पुलिस के ढीले रवैये से तंग आकर सोशल मीडिया पर वीडियो के साथ एक पोस्ट डाली है जिस पर विभिन्न लोग अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। वे पुलिस के ढीले रवैये पर सवाल उठा रहे हैं। दरअसल, उपासना वोहरा शुक्रवार को घर से करीब 100 मीटर की दूरी पर कुछ सामान लेने गई थी कि पर्स में रखा उनका मोबाइल वन प्लस परो 7 और 6500 रुपये पर कोई हाथ साफ कर गया। इसकी शिकायत करने जब वह पुलिस थाने गई तो उन्होंने भी इस घटना के प्रति ढीला रवैया दिखाया।
ये हैं देश में हालात
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले बेंगलुरू में वर्ष 2016 से जून, 2019 तक करीब 2.13 लाख फोन चोरी की रपट दर्ज कराई जा चुकी है। राजधानी दिल्ली में इस साल जनवरी से जुलाई तक 20663 से ज्यादा मोबाइल चोरी हो चुके हैं। मोबाइल फोन चोरी के मामले में भी दिल्ली देश की राजधानी बनने की ओर अग्रसर है। यहां अगस्त में दिल्ली के निगम बोध घाट पर दिवंगत पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली के अंतिम संस्कार के दौरान मौजूदा केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो समेत 11 लोगों का मोबाइल भी चोरी हो गया था। जब चोर मंत्रियों के मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर रहे हैं तो आम जनता की हालत का अंदाजा लगाया जा सकता है।