नई दिल्ली। देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि न्यायपालिका खतरे में है। उन्होंने कहा, ‘मैं इन आरोपों का जवाब नहीं देना चाहता हूं’। गोगोई ने कहा कि जिस महिला ने आरोप लगाया है, वह 4 दिन जेल में थी। महिला ने किसी शख़्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा दिया था और पैसे लिए थे। अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए।
सीजेआई ने कहा कि जब महिला ने सर्विस ज्वॉइन किया तब भी इसके ऊपर मामला दर्ज था। इतना ही नहीं महिला के पति पर भी दो मामले दर्ज़ हैं। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस पर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं किया है और मीडिया को न्यायपालिक की स्वतंत्रता के लिए संयम दिखाने को कहा है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जूनियर सहायक के तौर पर काम करने वाली एक 35 वर्षीय महिला ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के 22 जजों को ख़त लिखकर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने इस पर फिलहाल कोई आदेश पारित नहीं किया है और मीडिया को न्यायपालिक की स्वतंत्रता के लिए संयम दिखाने को कहा है।