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चाय के बंद बागान तक पहुंची भुखमरी!

श्रमिक की मौत

मालबाजारल। डुआर्स के बंद मानाबाडी चाय बागान में भुखमरी एवं चिकित्सा के अभाव में एक श्रमिक की मौत होने का मामला सामने आया है। मृतक की शिनाख्त रामदेव उरांव (45) के रूप में की गयी है। शनिवार सुबह उसकी मौत की खबर फैलते ही पूरे बागान में शोक की लहर दौड पडी।

 

डुआर्स का मानाबाडी चाय बागान पिछले दो महीने से बंद पडा है। श्रमिक एवं प्रबंधन के बीच व्याप्त असंतोष के कारण प्रबंधन ने बागान में लॉक आउट की नोटिस टांग रखी है।बागान के श्रमिकों की माली हालत बहुत खराब है। अनाहार एवं चिकित्सा के अभाव में बागान के हर परिवार में बीमार व्यक्ति पडे हैं। इन लोगों ने अपना दुखडा सुनाते हुए कहा कि अमूमन दिन में एक समय का भोजन कर किसी तरह ये अपना दिन गुजार रहे हैं। मानाबाडी चाय बागान में फिहलाह १५०० श्रमिक हैं। रामदेव के परिवारवालों ने बताया कि वह कई दिनों से बीमार चल रहा था।

 

इन लोगों का कहना है कि भोजन नहीं मिलने की वजह से उसकी मौत हुई है। जिस दिन बागान के श्रमिक मालबाजार महकमे के चेल, घीस आदि नदियों में पत्थर तो‹डने जाते हैं उस दिन उन्हें दो वक्त का भोजन नसीब होता है। बागान के श्रमिकों ने आरोप लगाया कि केंद्र अथवा राज्य सरकार या फिर किसी भी राजनीतिक दल के नेता कोई भी उनके बारे में गंभीरता से नहीं सोचना। गरीबी के कारण बच्चें स्कूल नहीं जा रहे हं। बागान में नियमित चिकित्सा भी उपलब्ध नहीं हो रही है।

 

मालबाजार के महकमा शासक ज्योतिर्मय तांती ने बताया कि हर सप्ताह बागानों में अस्थायी मेडिकल टीम भेजी जा रही है। महकमाशासक ने बागान श्रमिक रामदेव उरांव के भुखमरी से मौत नहीं होने का दावा किया है।