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चलती ट्रेन में महिला ने दिया जुड़वां बच्चों को जन्म, मुस्लिम महिला ने कराया सुरक्षित प्रसव

 
खंडवा। लखनऊ से मुंबई की ओर जाने वाली पुष्पक एक्सप्रेस में सवार एक गर्भवती महिला ने चलती ट्रेन में दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। बच्चों का प्रसव ट्रेन में ही मौजूद एक मुस्लिम बुजुर्ग महिला ने करवाया। प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वास्थ्य हैं। जिन्हें हरदा जिले के जिला अस्पताल उपचार के लिए भर्ती किया गया है। प्रसव के बाद महिला के पति ने बुजुर्ग महिला को फरिस्ता बताया।
पुष्पक एक्सप्रेस में झांसी से मुंबई जा रही गर्भवती महिला पूर्णिमा को प्रसव पीड़ा हुई तो सभी परेशान हो गए।  क्योंकि ट्रेन छोटे स्टेशनों पर नहीं रुकती। इसलिए एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की दूरी अधिक होने पर उसे उपचार नहीं मिल पा रहा था। ऐसे में रिजर्वेशन कोच में ही कानपुर से मुंबई जा रही मुस्लिम बुजुर्ग महिला नूरजहां ने प्रसव पीड़ा को समझा और गर्भवती पूर्णिमा का सुरक्षित प्रसव करवाया।
पुष्पक एक्सप्रेस में भोपाल से खंडवा के बीच टिकट चेक कर रहे टिकट निरीक्षक ने तुरंत प्रसव की जानकारी अपने आला अधिकारियों को दी, जिसके बाद ट्रेन को हरदा स्टेशन पर रोककर गर्भवती को इलाज के लिए हरदा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
बता दें कि गर्भवती महिला के साथ उनके पति भी यात्रा कर रहे थे महिला के पति ने बताया कि चलती ट्रेन में प्रसव से दो बेटों ने जन्म लिया है।
पुष्पक एक्सप्रेस में भोपाल से खंडवा के बीच टिकट चेक करने वाले प्रधान टिकट निरीक्षक कुमार गौरव ने बताया कि इटारसी से ट्रेन छूटने के बाद उन्हें सूचना मिली कि कोच क्रमांक S4 के बर्थ नंबर 59 पर एक महिला यात्री पूर्णिमा कुमारी के पेट में दर्द हो रहा है। वह अपने पति जितेंद्र कुमार के साथ झांसी से मुंबई की यात्रा कर रही थी।
एक्सप्रेस गाड़ी होने से इटारसी से चलकर खंडवा ही रुकती है।  इस बीच प्रसव पीड़ा होने से गर्भवती महिला काफी परेशान थी। उन्होंने उनके सहकर्मी के साथ मिलकर कमर्शियल कंट्रोल इटारसी को इसकी सूचना दी और तुरंत डॉक्टर की मांग की। इसी बीच S4 में सवार बुजुर्ग महिला नूरजहां जो कानपुर से मुंबई की यात्रा कर रही थी वह मदद के लिए आगे आई। बुजुर्ग महिला ने सुरक्षित प्रसव करवाया। आपात स्थिति की सूचना देने पर हरदा स्टेशन पर डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस उपस्थित थे। ट्रेन को हरदा स्टेशन पर रोक कर प्रसूता को इलाज के लिए शासकीय अस्पताल में भेजा गया।
गर्भवती महिला के पति जितेंद्र कुमार ने मुश्किल घड़ी में मदद करने के लिए टिकट चैकर कुमार गौरव और सहकर्मी विनोद कुमार के साथ ही रेल प्रशासन का धन्यवाद दिया। साथ ही उन्होंने प्रसव कराने वाली महिला नूरजहां को फरिश्ता बताते हुए कहा कि उन्होंने समय पर सुरक्षित प्रसव करवाया। जिससे मेरी पत्नी ने दो बेटों को जन्म दिया। इस मुश्किल समय में नूरजहां हमारे लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं है। अगर वह समय पर सुरक्षित प्रसव नहीं कराती तो शायद जच्चा और बच्चा दोनों की जान को खतरा हो सकता था।

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