आगरा। भारतीय रेलवे अपने यात्रियों की मदद के लिए कभी पीछे नहीं हटा है। रेल मंत्री सुरेश प्रभु हों या फिर पीयूष गोयल, ट्विटर पर मदद की पुकार सुनते ही कई यात्रियों को चलती ट्रेन में राहत पहुंचा चुके हैं। ताजा मामला
महानंदा एक्सप्रेस का है जिसमें सफर कर रही एक महिला की जान बचाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने पूरे नेटवर्क को काम पर लगा दिया।
दरअसल यह महिला मरीज शाहजहां खातून बिहार के मधेपुरा से अपने भाई और बेटी के साथ इलाज कराने दिल्ली जा रही थी। ट्रेन में ही उनका ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म हो गया है और मरीज़ को सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी। परिजन ने टीसी को इत्तला दी। टीसी ने जीआरपी को सूचना दी।
जीआरपी आगरा को सूचना मिली कि ट्रेन में एक यात्री की तबियत खराब है औऱ उसे ऑक्सीजन सिलेंडर की जरुरत है। पुलिस अधीक्षक रेलवे अभिषेक यादव मामले की जानकरी दी गई उन्होंने पीआरओ सचिन कौशिक को अवगत कराया। कौशिक ने एक परिचित डॉक्टर की मदद लेकर निरीक्षक जीआरपी इटावा से सम्पर्क कर मरीज के लिए चलती ट्रेन में ही ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर दी।
इतना ही नहीं, परिजन ने टूंडला स्टेशन पर पहुंच कर दोबारा कौशिक को अवगत कराया कि महज 2 लीटर का सिलेंडर छोटा होने के कारण ख़त्म होने में है और हम दिल्ली तक नहीं पहुंच पाएंगे।
इस पर कौशिक ने अलीगढ़ के प्रभारी निरीक्षक विजय सिंह को सूचना देकर दूसरे सिलेंडर की व्यवस्था कराई। खास बात यह भी है कि जब दूसरा सिलेंडर लेकर अफसर पहुंचे तब तक ट्रेन रवाना हो चुकी थी, यात्रियों ने चेन पुलिंग कर ट्रेन रोक दी और उस महिला मरीज़ को दूसरा सिलेंडर उपलब्ध कराया गया।
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