नई दिल्ली। दिल्ली के एक निजी अस्पताल में आगरा के 13 साल के बच्चे की जान बचाना संभव हुआ। उसे चंडीगढ़ से लाया गया दिल प्रत्यारोपित किया गया। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
हुआ यूं कि
चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल में 32 वर्षीय फरीदाबाद निवासी एक महिला तीन सप्ताह तक वेंटीलेटर पर थी। फिर उसे मस्तिष्कीय रूप से मृत घोषित कर दिया गया।
महिला के परिवार ने उसके हृदय, किडनी और लीवर को दान करने की सहमति दी। इसके बाद महिला का हृदय 13 साल के एक बच्चे के लिए दिल्ली लाया गया। यहां फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट में इस बच्चे में हृदय प्रतिरोपण कर जान बचाई जा सकी।
अस्पताल की विज्ञप्ति के अनुसार उसका एक दल पीजीआई अस्पताल चंडीगढ़़ हवाई मार्ग से गया और महिला का हृदय प्राप्त किया।
पुलिस और यातायात अधिकारियों ने इस हृदय को दिल्ली लाने के लिए तत्काल ग्रीन कॉरिडोर बनाया। पीजीआई से हवाई मार्ग से दोपहर एक बजे एक चार्टर्ड विमान से हृदय को यहां आईजीआई हवाईअड्डे तक लाया गया।
दिल्ली में अस्पताल तक की 18 किलोमीटर की दूरी महज 18 मिनट में पूरी की गई और हृदय अस्पताल पहुंचाया गया। इसके बाद बच्चे की जान बचाना मुमकिन हो सका।