शिमला। मशोबरा उपडाकघर में हुए लाखों के गबन मामले में पुलिस ने डाक सहायक खेम राज को गिरफ्तार कर लिया है। गांव साकरा तहसील करसोग के रहने वाले खेम राज के खिलाफ हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी। उसे पुलिस गिरफ्तार न करे, इसलिए खेम राज ने जमानत के लिए अर्जी लगाई थी लेकिन कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी और पुलिस ने उसे हाईकोर्ट के पास से गिरफ्तार कर लिया। मामला सामने आने के बाद आरोपी अंडरग्राऊंड हो गया था। अब पुलिस खेम राज से गंभीरता से पूछताछ कर रही है। पुलिस द्वारा की जा रही पूछताछ में आरोपी गबन के इस मामले में कई राज खोल सकता है। आरोपी खेम राज पर 19.88 लाख रुपए गबन करने के आरोप लगे हैं।
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि खेम राज को शेयर मार्केट में निवेश करने की आदत थी। शेयर मार्केट में उसने काफी निवेश भी किया लेकिन पैसा डूब गया। इस तरह शेयर मार्केट के जोखिम भरे कारोबार में पैसा डूबने पर भी उसने धोखाधड़ी को अंजाम दिया। खेम राज लोगों से पैसा लेकर उनको रसीद तो देता था लेकिन उनके पैसों को अपने पास रख लेता था। इस पैसे को वह खुद इस्तेमाल करता था। इसके बाद जब लोग पैसा निकालने के लिए आते तो वह पोस्टल खाते से उनको पैसा ट्रांसफर भी कर देता था। इस तरह उसने अपने एजैंट और कुछ अन्य के खातों में लाखों के पैसे ट्रांसफर किए। अभी तक जांच में सामने आया है कि उसने खुद के खाते के अलावा अपनी पत्नी के खाते में भी लाखों रुपए ट्रांसफर किए, जिससे सरकारी खजाने को खासी चपत लगी। पुलिस की आरोपी से पूछताछ जारी है।
ऐसे उजागर हुआ था मामला
यह मामला 20 सितम्बर को उजागर हुआ था। मामले से संंबंधित वरिष्ठ अधीक्षक डाकघर शिमला बली राम ने पुलिस को शिकायत दी थी। उन्होंने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि मंडी करसोग के रहने वाले खेम राज जोकि मशोबरा में डाक सहायक के पद पर तैनात है, पिछले कुछ अरसे से उसने प्रॉफिट सैंटर का दैनिक आय-व्यय का लेखा-जोखा डाकघर शिमला डिवीजन को नहीं भेजा था। डाक विभाग के निरीक्षण प्राधिकरण ने जब सब डाकघर के लेखा-जोखा की पड़ताल की तो गबन का खुलासा हुआ। तभी पुलिस ने वरिष्ठ डाक अधीक्षक कार्यालय शिमला की शिकायत पर डाक सहायक के विरुद्ध थाना ढली में आईपीसी की धाराओं 409 व 420 के तहत केस दर्ज किया।
पुलिस ने विभाग से मांगा रिकॉर्ड
पुलिस ने डाक विभाग से रिकार्ड मांगा है। अभी तक डाक विभाग पुलिस को पूरा रिकार्ड नहीं दे पाया है। पुलिस ने एक फिर डाक विभाग को रिकार्ड देने को कहा है। पुलिस को अगर सारा रिकार्ड हाथ लग जाता है तो उसे भी गबन के काफी सबूत मिलेंगे।
लिखावट के नमूने की नहीं आई फोरैंसिक रिपोर्ट
पुलिस ने डाक सहायक की लिखावट के नमूने भी लिए हैं लेकिन उनकी अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। जुन्गा से फोरैंसिक रिपोर्ट आने पर अब यह खुलासा होगा कि जो डाकघर में फार्म भरे हैं, वे क्या डाक सहायक ने ही भरे हैं या किसी और का भी इसके पीछे हाथ है। वहीं डाकघर से कटी रसीद का भी इससे खुलासा होगा।
विभाग भी कर रहा अपने स्तर पर जांच
पुलिस के अलावा विभागीय स्तर पर भी इस मामले की जांच की जा रही है। मशोबरा उपडाकघर के अधीन घैणी, दुर्गापुर, देवला, खटनोल, ढैला और क्यारकोटी डाक शाखाएं हैं, जहां से आया पैसा भी मशोबरा में जमा करवाया जाता था। डाक विभाग अब यह जांच कर रहा है कि आखिर कब से यह फर्जीवाड़ा चल रहा है।