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गोताखोर मजबूर, 15 मजदूरों को बचाने में बाधा बन रहा पानी

मेघालय। लुमथरी गांव के कांस इलाके में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में फसे 15 लोगों को खोजने की कोशिश जारी है। भारतीय नौसेना के गोताखोर फिर से मेघालय की उस बाढ़ग्रस्त खदान में घुसे जहां 15 खदानकर्मी फंसे हुए हैं।

गोताखोरों का कहना है कि शाफ्ट के अंदर जलस्तर 30 मीटर की सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक घटने के बाद ही खोजबीन सहज हो पाएगी।

अभियान के प्रवक्ता आर सुस्नगी ने कहा कि नौसेना के गोताखोर उच्च तकनीकी उपकरण ‘अंडर वॉटर रिमोटली ऑपरेटिड व्हीकल’ (यूडब्ल्यूआरओवी) के साथ तीन घंटे तक शाफ्ट के अंदर रहे लेकिन इसमें दृश्यता एक फ़ीट रही जो बहुत कम है।

प्रवक्ता ने कहा कि भारतीय नौसेना ने प्रशासन को सुझाव दिया कि खनन शाफ्ट के अंदर से पंपों की मदद से पानी निकालकर जलस्तर करीब 30 मीटर (98 फुट) तक या सुरक्षित गोताखोरी सीमा तक कम किया जाए, उसी के बाद गोताखोरी शुरू की जाएगी। नौसेना का कहना है कि सभी ऐहतियाती उपाय किये जा रहे हैं ताकि सुनिश्चित हो कि गोताखोरों के लिए कोई संकट पैदा न हो जाए।

यह है मामला

13 दिसंबर को मेघालय के पूर्वी जैंतिया पर्वतीय जिले में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में पास की नदी से पानी चले जाने के बाद 15 खदानकर्मी वहां फंस गए थे। एनडीआरएफ के 100 विशेषज्ञों की टीम ने वहीं ढेरा डाला हुआ है, लेकिन उचित उपकरण न होने की वजह से राहत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है।

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