शिमला। हिमाचल प्रदेश में ठियोग के कोटखाई में स्कूल से घर लौट रही दसवीं की छात्रा गुड़िया (परिवर्तित नाम) के साथ जंगल में गैंगरेप कर हत्या का मामला अब पूरे देश में गरमाने लगा है। फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया के जरिए लोग अपना आक्रोश जाहिर कर रहे हैं।
अब जाकर सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। सीबीआई पूरा क्राइम सीन re-creat करेगी। वारदात के बाद पुलिस ने 6 आरोपियों को अरेस्ट किया था। इनमें से एक की थाने के लॉकअप में हत्या हो चुकी है।
यह है मामला
बीते 4 जुलाई को आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ जा रहा था. उसने 10वीं में पढ़ने वाली गुड़िया को देखा और गाड़ी रोककर उसे घर तक लिफ्ट देने की बात कही।
गुड़िया इलाके में नई आई थी। राजू को जानती थी। वह अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था, इसलिए गुड़िया उसके साथ गाड़ी में बैठ गई।
राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे। उन्होंने बीच जंगल में सामान उतारने का बहाना बनाते हुए गाड़ी रोक दी। मासूम के साथ गैंगरेप किया। तीनों ने मासूम को बुरी तरह नोंचने के बाद भी नहीं बख्शा, बल्कि अपने तीन और साथियों को भी बुला लिया। फिर गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर लाश को जंगल में फेंक दिया। दो दिन तक उसकी लाश जंगल में पड़ी रही।
इसके बाद जब लाश बरामद हुई तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सप्ताह गुम्मा कस्बे में 24 पंचायतों के चार हजार लोगों ने प्रदर्शन किया। ठियोग-हाटकोटी नेशनल हाईवे पर सात घंटे तक जाम लगा दिया और मौके पर पहुंचे एसडीएम टशी संडूप को बंधक बना लिया।
इसके बाद गत दिवस गुड़िया न्याय मंच ने शिमला में रैली निकाली और सचिवालय के बाहर ढाई घंटे विरोध-प्रदर्शन किया।
सरकार भी हिली
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में भी गैंगरेप और मर्डर केस को लेकर बगावत हो गई है। 6 कांग्रेस विधायकों ने हाईकमान को चिट्ठी भेज कर सीएम वीरभद्र सिंह को कुर्सी से हटाने की मांग की है।
तब चेती सरकार
कोटखाई में गुड़िया गैंगरेप से सबक लेते हुए सरकार ने उसके गांव के नजदीक स्थित स्कूल को अपग्रेड कर दिया है। ताकि छात्राओं को कई किलोमीटर जंगल से नहीं गुजरना पड़े। आनन-फानन में स्कूल का नामकरण गुडि़या के नाम पर किया गया है। धार तरपुनू (ताली) स्कूल को मिडिल से सीनियर सेकंडरी तक अपग्रेड करने की अधिसूचना जारी कर प्रिंसिपल सहित आठ शिक्षकों के नए पद भी सृजित कर दिए गए हैं।