नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने भांजे की हत्या के आरोप में एक युवक को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी बिजय कुमार महाराणा ने अपने 26 वर्षीय भांजे जय प्रकाश महाराणा की तीन साल पहले साउथ-वेस्ट दिल्ली के डाबड़ी में एक किराए के फ्लैट में हत्या कर दी थी। जय की लाश बॉलकनी में दबी मिली थी।
एडिशनल डिप्यूटी कमिश्नर राजेंद्र सिंह सागर ने बताया, आरोपी बिजय हैदराबाद में एक इंजीनियरिंग कंपनी में ह्यूमैन रिसोर्सेस मैनेजर पर कार्यरत् था। पुलिस को सूत्रों के हवाले में खबर मिली थी कि बिजय विशाखापट्टनम या हैदराबाद में हो सकता है। इसके बाद पुलिस ने दबिश देते हुए उसे रविवार को हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया।
फरवरी 2016 में बिजय ने पुलिस को फोन पर बताया था कि जय अपने दोस्त के साथ कहीं गया है, लेकिन वह अब तक लौटा नहीं। इसके बाद विजय ने 12 फरवरी को जय के गायब होने की शिकायत भी दर्ज कराई थी। पुलिस जय की तलाश में जुट गई।
इधर बिजय ने फ्लैट मालिक से बालकनी में फूलों को लगाने की अनुमति भी मांगी और भारी मात्रा में मिट्टी बिछाकर पौधारोपण भी किया था। वारदात के करीब दो महीने बाद ही बिजय ने फ्लैट खाली कर दिया था।
8 अक्टूबर 2018 को एक दूसरा व्यक्ति फ्लैट में रहने आया। उसने बालकनी में लौहे की जाली लगाने के लिए बाउंड्रीवॉल तोड़ी थी। इसी दौरान उसे मिट्टी में दबा हुआ कंकाल मिला। मकान मालिक और मजदूरों ने बताया, कंकाल मिट्टी में दबा हुआ देखा गया। ब्लू जैकेट और ग्रीन शर्ट पहने मृतक को बेडशीट और एक कंबल से लपेटा गया था। साथ में एक तकिया भी बरामद किया गया। शव की शिनाख्त जय के रूप में होते ही पुलिस बिजय की तलाश में जुट गई। उसे हैदराबाद से पकड़ लिया गया।
दिल्ली पुलिस की रिमांड के दौरान बिजय ने अपनी एक गर्लफ्रेंड के बारे में बताया, जो जय के साथ भी दोस्ताना थी। सागर ने बताया, महिला फ्लैट पर बिजय से मिलने आया करती थी। वह महिला जय से भी फोन और मैसेज पर बात किया करती थी, जो बिजय को पसंद नहीं था। शक के कारण बिजय ने 7 फरवरी को सीलिंग फैन की मोटर से जय के सिर पर वार करते हुए मार दिया। इसके बाद उसने जय के शव को बालकनी में दफनाकर उस पर पौधारोपण कर दिया।
एडीसी सागर ने बताया, बिजय उडीशा का रहने वाला है। रोजगार के लिए वह दिल्ली में रहने आया था। यहां वो नोएडा के एक कॉल सेंटर में काम किया करता था। जय के गायब होने की शिकायत दर्ज कराने के दो महीने बाद बिजय नंगलोई चला गया था। यहां से फिर वो हैदराबाद शिफ्ट हो गया।
सागर ने बताया, वारदात के बाद से ही वह फरार था और उसका मोबाइल नंबर भी बंद था। उसके परिजन भी उसके बारे में ज्यादा कुछ बता नहीं पाए। उसने बैंक से सारे रुपए निकाल लिए थे और वारदात के बाद कोई ट्रांजेक्शन नहीं किया।
मां उसी फ्लैट में ठहरी, जहां बेटे को दफनाया
बेटे की कोई खबर नहीं मिलने पर मां उसकी तलाश में अपने भाई बिजय के पास आई थी। वह अपने भाई के साथ उसी फ्लैट में आठ दिन रुकी, जहां उसके बेटे को बालकनी में दफनाया गया था। बिजय ने बताया कि भांजा अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए जम्मू-कश्मीर गया है, लेकिन अब तक वापस नहीं लौटा। मां के दबाव डालने पर बिजय ने थाने में जय के गुमशुदा होने की शिकायत दर्ज कराई थी।