भोपाल। राजधानी के समीप बैरागढ़ स्थित चिरायु अस्पताल में इलाज के दौरान एक गर्भवती महिला एवं बच्चे की मौत के बाद परिजन ने हंगामा कर दिया। उनका आरोप हैं कि महिला की मौत डॉक्टरों द्वारा लापरवाही बरतने से हुई है।
लालघाटी स्थित दाता कालोनी डी- 59 निवासी राजेश वर्मा की 32 वर्षीय पत्नी आरती सोमवार को लेबर पेन होने पर डिलीवरी के लिए चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया था। डॉक्टर ने कहा था कि उसे नार्मल डिलीवरी हो जाएगी। भर्ती होने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन दिया। इंजेक्शन के बाद से ही आरती को तेज दर्द उठा, इसके चलते उसे तत्काल ऑपरेशन थियेटर में ले गए।
आरती को ऑपरेशन थियेटर में ले जाने के कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने ब्लड मंगवाया। थोड़ा वक्त और बीत जाने के बाद डॉक्टर ने दोबारा ब्लड, इंजेक्शन और कुछ दवाएं मंगवाई। इस दौरान सोमवार रात करीब 12 बजे डॉक्टर ने परिजनों को बताया कि वे बच्चे को बचा नहीं सके। बच्चे की मौत की खबर मिलने के बाद परिजन ने आरती से मिलने की इच्छा जताई, लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मिलने नहीं दिया।
परिजन के बार-बार पूछे जाने के बाद डॉक्टरों ने बताया कि आरती का काफी ब्लड लॉस हो गया है। उसे और भी ब्लड की जरूरत पड़ सकती हैं। इस पर परिजन ब्लड के इंतजाम में लग गए। मंगलवार सुबह 7 बजे डाक्टर ने परिजन को बताया कि काफी ब्लड लॉस हो जाने की वजह से वे आरती को नहीं बचा सके। आरती की मौत की खबर से नाराज परिजन ने अस्पताल परिसर में हंगामा मचाना शुरू कर दिया। मृतिका आरती वर्मा का ये दूसरा बच्चा था। परिजन की मानें तो डाक्टर द्वारा दिए गए समय के अनुसार वे आरती को अस्पताल लाए थे। इन 9 महीनों में आरती के जितने भी टेस्ट कराए गए सभी की रिपोर्ट नार्मल थी, फिर उसकी जान कैसे जा सकती है।
रात में ही हो चुकी थी मौत
परिजन ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि आरती की मौत रात में ही हो चुकी थी, इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें आरती से मिलने नहीं दिया। जानबूझकर उनसे आरती की मौत की खबर छुपाए रखी और मंगलवार सुबह उन्हें ये जानकारी दी गई।