केरल। केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून का खुलकर समर्थन कर रहे केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आज विधानसभा में मजबूर और लाचार दिखाई पड़े, न चाहते हुए भी राज्यपाल ने आज सीएए के विरोध प्रस्ताव को पढ़ा। हालांकि राज्यपाल ने इस बात का जोरदार तरीके से खंडन किया है कि इस प्रस्ताव से मैं सहमत नहीं हूं।
यहां हम आपको बता दें कि राजपाल आरिफ मोहम्मद खान पीएम नरेंद्र मोदी के मुरीद माने जाते हैं। राज्यपाल ने केंद्र के नागरिकता कानून का कई बार खुलकर समर्थन भी किया था। इसी कानून को लेकर राज्यपाल खान और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के साथ सार्वजनिक रूप से बयानबाजी भी हो चुकी है।
आज केरल विधानसभा में घटनाक्रम कुछ इस प्रकार रहा। विधानसभा में हंगामे के बीच राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ राज्य सरकार के प्रस्ताव को पढ़ा, हालांकि, राज्यपाल ने पहले पढ़ने से मना कर दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के अनुरोध पर प्रस्ताव पढ़ा। प्रस्ताव को पढ़ने से पहले राज्यपाल ने बार-बार अपनी असहमति भी जाहिर भी करते रहे।
राज्यपाल बोले, मैं सिर्फ सीएम के अनुरोध पर इसको पढ़ रहा हूं
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, ‘मैं इस पैरा (सीएए के खिलाफ) को पढ़ने जा रहा हूं, क्योंकि सीएम चाहते हैं कि मैं इसे पढ़ूं, हालांकि मेरा मानना है कि यह नीति या कार्यक्रम के तहत नहीं आता है। सीएम ने कहा है कि यह सरकार का विचार है, और उनकी इच्छा का सम्मान करने के लिए मैं इस पैरा को पढ़ने जा रहा हूं। बता दें कि केरल विधानसभा का बजट सत्र का आज से आगाज हो गया है। सीएए को लेकर केरल सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा चुकी है। सरकार ने इस कदम के बारे में राज्यपाल को सूचना नहीं दी थी, जिस पर उन्होंने आपत्ति भी जताई थी।
केरल विधानसभा में विधायकों ने राज्यपाल का विरोध भी किया
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सदन में आए, यूडीएफ के विधायकों ने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने सीएए और एनआरसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जब आरिफ मोहम्मद खान मंच की ओर जाने लगे तो उन्होंने रास्ता रोकने की भी कोशिश की। इसके बाद उनके लिए मार्शल ने उनके लिए रास्ता खाली कराया और सीट तक ले गए। इससे पहले इस बात पर अटकलों का बाजार गर्म था कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सरकार की नीतियों के दौरान भाषण में सीएए वाले हिस्से को पढ़ेंगे या उसे छोड़ देंगे। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और पिनराई विजयन सरकार के बीच तकरार जारी है।
केरल सरकार के सीएए के विरोध को गलत ठहरा चुके हैं राज्यपाल
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान केरल की सरकार के नागरिकता कानून के विरोध को पहले भी गलत ठहरा चुके हैं। आरिफ मोहम्मद खान के नागरिकता कानून का समर्थन करने पर केरल सरकार से कई बार भिड़ंत भी हो चुकी है। आरिफ मोहम्मद खान केरल सरकार की ओर से सीएए को हटाने के लिए पास हुए प्रस्ताव पर उन्होंने कहा था कि किसी राज्य को केंद्र के विषयों पर प्रस्ताव पास करने का संवैधानिक हक ही नहीं है। राजपाल ने कहा था कि सरकार के कामकाज को किसी राजनीतिक दल की मर्जी के हिसाब से नहीं चलाया जाना चाहिए। हर किसी को नियम का पालन करना चाहिए।