देहरादून। उत्तराखंड में बादल फटने से मची तबाही में फंसे लोगों को बचाने के अभियान में वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलिकॉप्टरों को भी उतार दिया गया है। केदारनाथ के रास्ते में फंसे 6,980 से अधिक तीर्थयात्रियों को अब तक सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि अभी 1,500 से अधिका श्रद्धालु और स्थानीय लोग रास्ते में जहां-तहां फंसे हुए हैं।
इनमें से 150 लोगों से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से तीन जिलों में आई तबाही में मरने वालों की संख्या 8 हो गई है और 45 लोग अभी भी लापता है, जिनकी तलाश तेज कर दी गई है।
सोनप्रयाग की पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे ने बताया कि अतिवृष्टि से अभी तक एक यात्री की मौत होने की सूचना है। इसके अलावा अन्य कोई हताहत नहीं हुआ है। 150 से अधिक लोगों के परिजनों ने पुलिस को बताया कि उनका अपने लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। ये सभी केदारनाथ यात्रा पर आए थे। इन लोगों में कई स्थानीय भी हैं।
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एसपी का कहना है कि क्षेत्र में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं होने से भी लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। इससे पहले, राज्य के आपदा सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया था कि केदारनाथ में अभी 1,000 लोग फंसे हैं, लेकिन वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। वहां आपदा जैसी कोई स्थिति नहीं है।