कोल्हापुर. महाराष्ट्र (Maharashtra) में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसके बारे में सुनकर किसानों की दुर्दशा के बारे में आपकी आंखें खुल जाएंगी.
सोलापुर जिले के बरशी तालुका के बोरगांव के प्याज किसान (Onion Farmer) राजेंद्र तुकाराम चव्हाण हाल ही में 512 किलो प्याज को बेचने के लिए सोलापुर एपीएमसी मंडी में 70 किमी. का सफर करके पहुंचे थे. वहां उनकी प्याज महज 1 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकी.
सभी कटौतियों के बाद चव्हाण को केवस 2.49 रुपये मिले और वो भी उन्हें पोस्ट-डेटेड चेक (post-dated cheque) के रूप में मिला. जिसे वह 15 दिनों के बाद ही भुना पाएंगे. 49 पैसे की बकाया रकम चेक में नहीं लिखी गई. क्योंकि बैंक लेनदेन आमतौर पर राउंड फिगर में करते हैं. ये बकाया चव्हाण को व्यापारी से लेना होगा.
सूर्या ट्रेडर्स के मालिक खलीफा ने कहा कि बेचने के लिए लाए गए प्याज की क्वालिटी खराब थी. पहले चव्हाण इससे पहले अच्छी क्वालिटी के प्याज लाए थे, तो उनको 18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से भाव दिया गया था. बाद में वह एक और खेप प्याज लाए, जिसके लिए उन्हें 14 रुपये प्रति किलो का भाव मिला.
खराब गुणवत्ता वाले प्याज की आमतौर पर मांग नहीं होती है. जबकि एक्सपर्ट के मुताबिक किसानों की उपज का केवल 25% ही हाई क्वालिटी प्याज होता है. जबकि उपज का लगभग 30% मध्यम गुणवत्ता का होता है और शेष खराब क्वालिटी का प्याज होता है. इस साल प्याज की बंपर फसल से थोक कीमतों में पहले से ही 70% की भारी गिरावट आई है.