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काशी विश्वनाथ दरबार में अखंड जलधार

महाशिवरात्रि 
वााराणसी। देवो के देव महादेव और आदि शक्ति के मिलन का महापर्व महाशिवरात्रि पर बाबा के दर पर सुरक्षा के अभेद्य किलेबन्दी के बीच आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। मंगला आरती से लगायत आधी रात शयन आरती तक दरबार में जाने के लिए अटूट कतार लगी रही। वही मंदिर परिसर और गर्भगृह में बाबा के प्रति श्रद्धा अनुराग की अखंड जलधार बेलपत्र मदार धतुरा दुग्ध जल ज्योर्तिलिंग पर बहती रही। इस दौरान पूरा मंदिर परिक्षेत्र हर हर महादेव हर हर बम बम के गगनभेदी उद्घोष से गुंजता रहा। यही हाल जिले और शहर के प्रमुख शिवमंदिरो से लेकर छोटे बड़े मंदिरो में रहा। पूरे दिन जिले में कंकर कंकर शंकर का नजारा रहा।
इसके पूर्व बाबा दरबार में हाजिरी लगा पुण्य बटोरने के लिए शाम से ही शिवभक्त कतार बद्ध होते चले गये। जैसे जैसे रात चढ़ती गयी कतार का दायरा भी बढ़ता गया। मंगलाआरती के बाद सुबह तक बाबा दरबार में जाने के लिए एक से डेढ़ किमी लाइन लग गयी। एक कतार गंगा तट से तो दुसरी कतार मैदागिन बुलानाला और तीसरी पीडीआर माल लक्सा तक पहुंच गयी। तीन से चार घंटे से अधिक लाइन में खड़ा होने के बावजूद शिवभक्तो के चेहरे पर थकान नही दिखी। थकान मिटाने में हर हर महादेव का गगनभेदी उद्घोष रामबाण साबित हो रहा था। बाबा दरबार में पहुंचने के बाद तो भक्तो का उत्साह देखते बन रहा था। इस दौरान किसी ने किसी ने दूध से तो किसी ने गंगा जल से तो किसी ने इत्र से तो किसी ने भस्म से बाबा को नहवाया। ज्ञानवापी कंट्रोल रुम से मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर में आज दोपहर तक दर्शन करने वाले शिवभक्तो का लाख का आकड़ा पार हो चुका था। ज्ञानवापी छत्ताद्वार से मंदिर में शिवभक्तो को प्रवेश दिया गया जबकि निकासी सरस्वती फाटक व ढुंढीराज गणेश मंदिर वाले गेट की गई थी। सुबह तक जहां भक्तों की कतार चौक होते हुए नीचीबाग तक थी वहीं दोपहर होते होते ये लाइन गोदौलिया क्रास करते हुए गिरजाघर चौराहे तक पहुंच गई। बाद में कतार लम्बी होने पर गोदौलिया चौराहे से लाइन को दशाश्वमेध की ओर टर्न कर दिया गया और भक्तों की कतार यू शेप में चितरंजन पार्क तक पहुंच गयी।
हर शिवालय में उमड़ी भीड़
महाशिवरात्रि पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा शहर और आस- पास के सभी शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। केदारेश्वर, महामृत्युंजय, कृतिविशेश्वर, बैजनत्था, शूलटंकेश्वर, मार्कण्डेय महादेव, रामेश्वर, ऋणमुक्तेश्वर महादेव समेत छोटे शिवालयों में भी भारी भीड़ उमड़ी। इसके अलावा बीएचयू स्थित नये काशी विश्वनाथ मंदिर में भी एक लाख से ज्यादा भक्तों ने मत्था टेका। यहां कुलपति प्रो.जीसी त्रिपाठी ने भी रूद्राभिषेक किया। शिवसैनिको ने महानगर प्रमुख निशान्त सिंह के अगुवाई में अस्सी स्थित गोयनका मंदिर में सिद्धेश्वर महादेव के दरबार में जलाभिषेक किया।
किसी ने किया आयोजन तो किसी ने सेवा
शिवरात्रि के मौके पर शहर में कई आयोजन भी हुए। प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। केशरवानी वैश्य युवक महाननगर की ओर से कलश यात्रा का आयोजन हुआ। लोकचेतना की ओर से शिवरात्रि पर शिव चर्चा का आयोजन किया गया। वहीं श्री काशी विश्वनाथ वैदिक कर्मकांड संस्कृत महाविद्यालय की ओर से विश्वनाथ गली स्थित बिहारीपुरी मठ में करोड़ नम: शिवाय बैंक पंचाक्षर महांमत्र को दर्शन पूजन कराया। श्री बिल्ववेश्वर महादेव मंदिर में भी शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन हुआ। इसके अलावा श्री कृष्ण उत्सव सेवा समिति की ओर से सुबह से शाम तक फलाहारी लंगर का आयोजन आसभैरव पर किया गया।
चप्पे- चप्पे पर थी पुलिस की निगाह
महाशिवरात्रि पर इस बार जिला और पुलिस प्रशासन भी खासा चौकस र​हा। आईजी एसके भगत डीआइजी ,एसएसपी आकाश कुलहरि और अन्य अफसर काफी देर तक व्यवस्था पर नजर रखने के लिए गश्त करते रहे। मंदिर परिसर की निगरानी ड्रोन कैमरे और सीसीटीवी से होती रही। इसके अलावा मंदिर परिक्षेत्र में लगाये गए वॉच टॉवर पर पूरा दिन पुलिस के जवान दूरबीन और हाईटेक वेपेन्स के साथ मुस्तैद रहे। वहीं मंदिर से जुड़ने वाली हर सड़क पर आरएएफ, पीएसी के जवान तैनात रहे। शहर में पुलिस और पीएसी के लगातार मूवमेंट ने कहीं भी अव्यवस्था नहीं होने दी। ट्रैफिक डायवर्जन को भी कड़ाई से लागू कराया गया।