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कहीं तहखाने तो कहीं अलमारी में भरे मिले करोड़ों-अरबों रुपए, नोट गिनते-गिनते खराब हुई मशीनें

नई दिल्‍ली. ओडिशा और झारखंड में आईटी के छापेमारी में 50 करोड़ से अधिक की नकद राशि बरामद हुई है और बुधवार सुबह तक इस राशि की गिनती पूरी कर ली गई थी. सूत्रों का कहना है कि यहां अभी भी गिनती जारी है और नोट गिनने वाली मशीने खराब हो रही है. इस घटना के बीच उत्‍तर प्रदेश के कन्‍नौज से इत्र कारोबारी पीयूष जैन और मुंबई के ठाकुर ग्रुप के हितेंद्र ठाकुर के नामों की चर्चा भी हो रही है. लोगों का कहना है कि इन दोनों के यहां से भी बहुत अधिक मात्रा में नकदी बरामद हुई थी.

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ओडिशा और झारखंड में शराब कारोबारी कंपनी बौध डिस्टिलरीज प्राइवेट लिमिटेड पर छापेमार कार्रवाई हुई है. इसके ओडिशा के बोलांगीर, संबलपुर और झारखंड के रांची, लोहरदगा में कार्रवाई जारी है. इस बीच देश की टॉप आईटी रेड की चर्चा एक बार फिर से हो रही है.

ठाकुर ग्रुप के यहां बरामद हुए थे 13 हजार करोड़ रुपए
महाराष्‍ट्र के विरार में ठाकुर ग्रुप के यहां से 13 हजार करोड़ रुपए बरामद हुए थे और यह देश की सबसे बड़ी आईटी रेड मानी जाती है. यहां कई मशीनों से नोटों की गिनती की गई थी. यहां पहुंची टीमों को इतनी बड़ी रकम मिलने की उम्‍मीद नहीं थी, लेकिन जब उन्‍होंने रकम देखी तो सबकी सांसे फूल गईं थीं.

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ठाकुर ग्रुप के मालिक हितेंद्र ठाकुर महाराष्‍ट्र के पूर्व विधायक थे और उनके भाई का मोस्‍ट वांटेड डॉन दाऊद इब्राहिम से करीबी रिश्‍ता था. खबरों के अनुसार किसी मामले में हितेंद्र को टाडा के तहत जेल में रहना पड़ा था.

उत्‍तर प्रदेश के कन्‍नौज में जब पीयूष जैन के यहां छापेमारे गए तो उम्‍मीद नहीं थी कि यहां से 194 करोड़ रुपए कैश और 23 किलो सोना मिला था. खास बात यह है कि घर में करोड़ों रुपये रखने वाले पीयूष जैन को कन्नौज में सादगी के लिए जाना जाता था. पीयूष जैन ने परफ्यूम बनाने की कला अपने पिता से सीखी थी, जो पेशे से केमिस्ट थे. जैन ने कानपुर में अपना परफ्यूम का कारोबार शुरू किया और फिर 15 साल के अंदर इसे देश के अलग-अलग हिस्सों तक फैलाया.

हैदराबाद की मेडिकल क्षेत्र से जुड़ी हेटेरो फार्मा कंपनी के ठिकानों से आईटी के छापेमारी में 550 करोड़ नकद की बरामदगी हुई थी. यहां के कारपोरेट दफ्तर, डायरेक्‍टर के घरों और प्रोडक्‍शन यूनिट से नकदी बरामद हुई थी. यहां 100, 200, 500 और 2000 के नोटों के हजारों बंडल जब्‍त किए गए थे. यह राशि कमरों में रखी गई अलमारियों में भरी हुई थी.

बंगाल के मंत्री रहे पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता के घर से मिले थे 20 करोड़

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रमुख आरोपी पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखोपाध्‍याय के घर से ईडी ने छापेमार कर 20 करोड़ की नकदी बरामद किए थे. टीएमसी नेता और बंगाल के उद्योग और संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी को अपने पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था.

 

3 दिनों तक चली थी आईटी की कार्रवाई, 230 करोड़ की संपत्ति हुई थी जब्‍त

आयकर विभाग की इस रेड को आईटी की प्रदेश में सबसे बड़ी रेड माना जाता है. इसमें नामी व्यापारिक समूह छजलानी ग्रुप पर पड़ी थी. कई टीमों के साथ आईटी के अफसरों ने यहां से 230 करोड़ की अघोषित संपत्ति जब्‍त की थी.

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