वॉशिंगटन। विज्ञापन बनाने वाले भी कई बार अकल्पनीय अति कर जाते हैं कि पूछो ही मत। कई बार तो वे जाने-अनजाने ऐसा विवाद उत्पन्न कर देते हैं पूरी दुनिया में बहस छिड़ जाती है। इस बार डव साबुन के विज्ञापन को लेकर दुनिया में माहौल गरमाया हुआ है। इसे नस्लभेद से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या है विज्ञापन में
दरअसल इस नए विज्ञापन कैंपेन में डव ने एक साथ ऐसी कई तस्वीरें लॉन्च की हैं। इसमें दिखाया गया है कि एक अश्वेत महिला बाथरूम में है और उसके बगल में एक बॉडी वॉश रखा हआ है।
महिला अपनी ब्राउन टीशर्ट उतारती है और अचानक सफेद टीशर्ट पहनी गोरी मेम में बदल जाती है।
इस नए विज्ञापन के जारी होते ही नस्लभेदी होने के आरोप में कंपनी के खिलाफ विरोध शुरू हो गया। इसे देखते हुए डव कंपनी ने ट्विटर और फेसबुक पर पोस्ट करके माफी मांगी है।
उधर, लोगों का कहना है कि किसी साबुन के इस्तेमाल के बाद अश्वेत महिला का गोरा हो जाना एक नस्ल भेदी संदेश देता है। इससे ऐसा लगता है कि अश्वेत होना और गंदा होना एक जैसा है। सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि साबुन के विज्ञापन में नस्लवाद साफ झलक रहा है। यह एक अश्वेत महिला को श्वेत महिला में बदलते हए दिखा रहा है। कई लोगों ने डव की इस कल्पना की आलोचना करते हुए कहा कि डव को लगता है कि काली त्वचा गंदी है और सफेद त्वचा साफ है।