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एक भी चोर को नहीं छोड़ेगा चौकीदार : प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नीत पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए आज दावा किया कि उनकी सरकार पूरी तरह बेदाग है और उस पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है।

मोदी ने ऐतिहासिक रामलीला मैदान में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है। हम इस बात पर गर्व कर सकते हैं।

भाजपा सरकार के कार्यकाल ने ये साबित किया है कि देश सामान्य नागरिक के हित में बदल सकता है, सरकार बिना भ्रष्टाचार के भी चलाई जा सकती है और सत्ता के गलियारों में टलहने वाले दलालों को भी बाहर किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद अगर सरदार बल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बनते तो देश की तस्वीर कुछ और ही होती। उसी प्रकार वर्ष 2000 के चुनाव के बाद अगर अटल जी प्रधानमंत्री बने रहते तो आज भारत कहीं और होता।

हमसे पहले की सरकार का जो कार्यकाल था, उसने देश को बहुत अंधेरे में धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि अगर मैं कहूं कि भारत ने 2004 से 2014 के महत्वपूर्ण 10 साल, घोटालों और भ्रष्टाचार के आरोपों में गंवा दिए, तो गलत नहीं होगा। 21वीं सदी की शुरुआत में ये 10 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण थे।

संप्रग सरकार पर घोटालों के आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार पहली बार किसी हथियार सौदे के बिचौलिये (क्रिश्चन मिशेल) को पकड़कर देश में लाई है। इस बिचौलिये से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि राफेल विमान सौदे में संप्रग सरकार इसलिए देरी कर रही थी कि यही बिचौलिया राफेल की बजाय किसी अन्य कंपनी से लड़ाकू विमान खरीदवाना चाहता था। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सच अब सामने आ रहा है, इसीलिए कांग्रेस के नेता शोर मचा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसलिए वे गाली-गलौज साजिश पर उतर आए हैं। चाहे कोई कितना भी झूठ बोले, गाली दे, चौकीदार रुकने वाला नहीं है। चोर चाहे देश में हो या विदेश में, यह चौकीदार एक को भी छोड़ने वाला नहीं है।

राफेल विमान सौदे में उसकी कीमत को लेकर लगाए जा रहे आरोपों पर बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि खाली बोरी की कीमत हमेशा कम होती है और उसमें गेहूं या चावल भर देने से उसकी कीमत अलग हो जाती है। यह बात कोई कम पढ़ा-लिखा आदमी भी आसानी से समझ सकता है, लेकिन जो समझना ही नहीं चाहता उसे नहीं समझाया जा सकता।

प्रधानमंत्री ने इस प्रकार बने गठबंधन की संभावित सरकार को ‘मजबूर सरकार की संज्ञान देते हुए कहा कि राजनीति विचारों पर की जाती है। गठबंधन विजन पर बनते हैं। लेकिन, यह पहला अवसर है जब ये सब राजनीतिक दल सिर्फ एक व्यक्ति को हराने के लिए एकजुट हो रहे हैं।

सारे मिलकर देश में मजबूर सरकार बनाने में जुटे हुए हैं ताकि भ्रष्टाचार कर सकें। हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि देश विकास कर सके। उनका रास्ता दलों को जोड़ना है, हमारा रास्ता हर भारतीय के दिलों को जोड़ना है।

उन्होंने कहा कि वे मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि अपनों का भला कर सकें, हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि सबका साथ सबका विकास हो सके। वो मजबूर सरकार चाहते हैं ताकि रक्षा सौदों में दलाली खाई जा सके, हम मजबूत सरकार चाहते हैं जिससे देश की सेना की हर जरूरत को पूरा कर सकें। वो मजबूर सरकार चाहते है ताकि किसानों की कर्जमाफी में भी घोटाला कर सकें, हम मजबूत सरकार चाहते हैं जिससे देश का किसान सशक्त बनें।

मोदी ने कहा कि विपक्ष मजबूर सरकार चाहता है ताकि यूरिया, चीनी, कॉमनवेल्थ, 2जी, अंतरिक्ष और स्वास्थ्य सेवाओं में भी घोटाला किया जा सके। हम मजबूत सरकार चाहते हैं ताकि किसानों को समय पर खाद, फसल की उचित कीमत, डिजिटल इंडिया और आयुष्मान भारत का लाभ लोगों को मिले और गगनयान मिशन को अंजाम दिया जा सके। उन्होंने कहा कि चौतरफा विकास ही उनकी सरकार का लक्ष्य है।

उन्होंने कहा कि जैसे लोग अपने घर के लिए सेवक का चयन करते हैं उसी प्रकार उन्हें देश के लिए ‘प्रधान सेवक’ का चयन करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने सवाल किया कि क्या आप ऐसे सेवक को पसंद करेंगे जो आपके घर का पैसा चोरी करके अपने परिवार में बांटे? क्या आप चाहते हैं कि वह पड़ोसियों को आपके घर के अंदर की बात बताएं? जैसे आप अपने घर का सेवक तय करते हैं वैसे ही तय कीजिये कि देश को कैसा प्रधान सेवक चाहिए।

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