मुखबिरी करते-करते बन गए नकली पुलिसकर्मी
नई दिल्ली। बाहरी उत्तरी जिला पुलिस ने बदमाशों के एक ऐसे गैंग का खुलासा किया है जो खुद को जिले की वाहन चोरी निरोधक शाखा का दस्ता बताकर तीन से चार थाने इलाके में सक्रिय शराब तस्करों से उगाही कर रहे थे। इसकी सूचना मिलते ही जिले की असली वाहन चोरी निरोधक शाखा ने मौके पर जाकर छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने सब इंस्पेक्टर का पहचान पत्र, एएसआई की वर्दी, दिल्ली पुलिस केस फाइल कवर, साल 2013 की पुलिस डायरी और वारदात में इस्तेमाल एक वैगन आर कार बरामद कर ली।
आरोपियों की पहचान गुलाबी बाग निवासी डिंपल पंचाल, शाहबाद दौलतपुर निवासी सोनू साहनी, सोनीपत निवासी विनोद, मोहित, बरवाला निवासी मुकेश और बुराड़ी निवासी दीपक त्यागी के रूप में हुई है। दरअसल 31 मार्च को जिले की वाहन चोरी निरोधक शाखा की टीम एक सूचना के बाद बवाना औद्योगिक क्षेत्र में पहुंची और घेराबंदी कर दी।
यहां शराब तस्करों से उगाही करने के लिए वैगन आर कार से आए छह बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह समयपुर बादली, बवाना और नरेला औद्योगिक क्षेत्र में काफी समय से शराब तस्करों से उगाही कर रहे थे। इस पर पुलिस ने उगाही के कुल चार मामले दर्ज किए। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपी डिंपल पूरे गैंग का सरगना है। इससे जुड़े अन्य आरोपियों की भी पहचान कर गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा है।
जांच में पता चला है कि गिरफ्तार आरोपियों में से ज्यादातर आबकारी विभाग के लिए मुखबिरी भी कर चुके हैं। इनका सरगना डिंपल सिर्फ 12वीं पास है और शुरूआत में फाइनेंस का काम करते-करते आबकारी विभाग के लिए मुखबिरी भी करने लगा। इस पर दुष्कर्म और अनाधिकार प्रवेश का मामला भी दर्ज है।
वहीं आरोपी सोनू साहनी शराब तस्कर रमेश चीरा के संपर्क में रह चुका है और यहां से मुखबरी भी की। इसके खिलाफ शराब तस्करी के दो मामले दर्ज हैं। अन्य आरोपी भी पुलिस के लिए मुखबरी कर चुके हैं। वहीं दसवीं पास मुकेश पर शस्त्र अधिनियम, चोट पहुंचाने, अपहरण, लूट और हत्या का प्रयास के छह मामले दर्ज हैं।