नई दिल्ली। देश में शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में दिवाली पर चायनीज सामानों का विरोध करने को लेकर छिड़ी मुहिम होली पर नहीं दिख रही है। न सोशल मीडिया पर चीनी सामानों के बहिष्कार को लेकर जंग छिड़ी है न बाजारों में किसी तरह का विरोध दिखाई पड़ रहा है।
चाइनीज आइटम की बिक्री को देशभक्ति से जोड़ने वाले विभिन्न संगठनों के लोगों ने भी चुप्पी साध ली है। उनकी इस चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
होली पर बाजारों में चाइनीज सामानों की धूम मची है। पिचकारी, मुखौटा और टोपी तो है ही, इस बार चायनीज चिप्स और पापड़ भी आ गए हैं। लोग इनकी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं।
दीपावली से पहले चाइना के सामानों के विरोध को लेकर जबरदस्त अभियान चला था। सोशल मीडिया पर तो वार छिड़ा ही था, तमाम संगठन भी खुलकर विरोध में आ गए थेे।
कई व्यापारियों ने भी देशहित में चाइना के सामानों को बेचने से तौबा कर लिया था। चार महीने भी नहीं बीते और होली के त्योहार पर चाइना का बाजार चरम पर है।
होली के त्योहार में हुड़दंग मचाने के लिए कई चायनीज आइटम बाजार की रौनक बने हुए हैं। दुकानदारों ने भी चाइना के सामानों को हाथों हाथ लिया है।
चाइना की चिप्स, पापड़, भुजिया सबकुछ है। इसके अलावा बच्चों को लुभाने वाली पिचकारी, रंग-बिरंगे मुखौटे और विशेष बालों से तैयार की गई कलरवाली टोपियां आर्कषण का केंद्र बनी हुई हैं।
वैसे दिवाली के बाद इस तरह का कोई मुद्दा दोबारा नहीं आया जिसमें चाइना के सामानों की खरीदारी न करने को लेकर कोई अपील की गई हो। इसलिये दुकानदार भी चाइना के सामानों को बेहिचक बेच रहे हैं। दूसरे चाइना के समान सस्ते भी हैं, इसलिए भी लोग पसंद कर रहे हैं।