जम्मू। साम्प्रदायिक रंग में रंग चुका कठुआ बलात्कार कांड आज अदालत की चौखट तक भले ही पहुंच गया लेकिन खुद वकील समुदाय इस रंग से बच नहीं पाया। ऐसे में पीड़िता पक्ष की वकील दीपिका सिंह राजवंत ने बच्ची को इंसाफ दिलाने का बीड़ा उठाया है। हालांकि खुद दीपिका का भी कहना रहा कि ‘मेरा भी रेप हो सकता है या हत्या भी करवाई जा सकती है। शायद मुझे कोर्ट में प्रैक्टिस न करने दी जाए। मेरा यहां रहना मुश्किल हो जाएगा। मुझे हिंदू विरोधी बताकर मेरा बहिष्कार किया गया है। इसके बावजूद मैं पीड़िता को इंसाफ दिलाकर रहूंगी।
8 साल की बच्ची के ये हैं 8 गुनहगार
कठुआ में आठ साल की बच्ची से वीभत्स रेप के मामले में कुल आठ आरोपी हैं। इनमें सबसे प्रमुख एक पूर्व रेवेन्यू ऑफिसर सांजी राम है। सांजी इस क्रूर घटना के जरिए कठुआ के रसाना एरिया में बसे बकरवाल समुदाय के लोगों को वहां से भगाना चाहता था। इस घिनौनी घटना को अंजाम देने में सांजी के अलावा सात लोग और शामिल थे।
नाबालिग डीएनए टेस्ट में निकला बालिग
10 जनवरी को इन दरिंदों का शिकार हुई बच्ची अपने एक कमरे के घर के पास टटुओं को घास चरा रही थी तभी आरोपियों में शामिल एक 19 साल के लड़के ने बच्ची को आवाज़ दी। उसने बच्ची से कहा कि उसका घोड़ा खो गया है, जिसे खोजने में वो मदद चाहता है।
बच्ची जंगल में मदद करने जाती है। इसके बाद 17 जनवरी को बच्ची की लाश मिलती है। पहले तो ये कहा जा रहा था कि बच्ची को जंगल के रास्ते मंदिर तक लाने वाला लड़का 15 साल का है, लेकिन बाद में डीएनए टेस्ट से पता चला कि वो 19 साल का है. डीएनए टेस्ट से ही इसकी भी पुष्टी हुई कि मृत बच्ची के शरीर पर जो बाल मिले वो इसी के थे।
सांजी राम
सांझी राम इस मामले में दूसरा आरोपी है। इस पर आरोप है कि इसने घटना को अंजाम देने का प्लान बनाया, साथ ही अपने पास भारी रकम का भी बंदोबस्त किया ताकि मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस दी जा सके। 19 साल के लड़के और अन्य आरोपियों के बयान के बाद पुलिस ने सांजी को गिरफ्तार किया।
दीपक खजुरिया
जिस आदमी पर बच्ची के मरने से पहले आखिरी बार रेप करने की बात कहने का आरोप है उसका नाम दीपक खजुरिया है। दीपक स्पेशल पुलिस ऑफिसर के पद पर था। खजुरिया ने बच्ची की आखिरी सांस टूटने से पहले यह बात कही थी कि वह इसके मरने से पहले इससे एक बार और रेप करना चाहता है। 19 साल के लड़के ने अपने बयान में दीपक का नाम भी लिया है और कॉल रिकॉर्ड्स भी यही बताते हैं कि दीपक वहीं था।
सुरिंदर कुमार
मामले में सुरिंदर कुमार नाम का एक और पुलिस ऑफिसर आरोपी है। गवाहों ने उसे घटना स्थल पर देखा था। वहीं सुरिंदर के भी कॉल डेटा रिकॉर्ड्स ये बात साबित करते हैं की वो घटना स्थल पर मौजूद था।
परवेश कुमार
19 साल के पहले आरोपी ने पांचवे आरोपी के तौर पर अपने दोस्त परवेश कुमार का नाम लिया है। परवेश पर ये घिनौना आरोप है कि उसने बच्ची का बार-बार बलात्कार किया।
विशाल
मामले में सांजी राम का बेटा विशाल भी आरोपी है। उसे फॉरेंसिक जांच के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। इस दिल दहला देने वाले अपराध में शामिल होने के लिए विशाल मेरठ से अपनी पढ़ाई छोड़कर तब कठुआ पहुंचा जब उसे 19 साल के लड़के का फोन आया कि वो आकर अपनी हवस मिटा सकता है। ये बात भी पुलिस की चार्जशीट में लिखी है।
आनंद दत्ता और तिलक राज
सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता और हैड कॉन्स्टेबल तिलक राज नाम के दो पुलिस वालों पर आरोप है कि उन्हें इस अपराध का पता था, लेकिन उन्होंने इसके सबूतों को तहस-नहस करने में कोई कसर बाकी नहीं रखी। इसके लिए उन्हें भारी रकम देने की बात भी सामने आई है। दोनों पुलिस वालों ने महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा नहीं किए। साथ ही आरोपियों की मदद करने के लिए इन्होंने लड़की की ड्रेस को भी धो दिया।