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इस्लाम में तो नहीं है तीन तलाक का कॉन्सेप्ट – सलमा


नई दिल्ली। देशभर में तीन तलाक को लेकर चल रहे बवाल के बीच उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी ने तीन तलाक मामले को कोरी बकवास करार देते हुए कहा है कि कुरान में ऐसी कोई अवधारणा ही नहीं है।

तीन तलाक की अवधारणा पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे देशों से भारत में आई है। अब पाकिस्तान और बांग्लादेश में तो यह प्रतिबंधित हो गया लेकिन भारत के कट्टर मुल्ला तथा मौलवियों ने अपने-अपने तरीके से कुरान की व्याख्या करके तीन तलाक को जिंदा रखा है।


एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में सलमा ने कहा कि सऊदी अरब में ऐसा नहीं होता। वहां निकाह एक करार की तरह होता है।

कुरान में भी ऐसा नहीं है। कुरान के अनुसार पति को एक बार तलाक कहने पर तीन महीने तक इंतजार करना होता है और तलाक भी तभी मान्य होता है, जब तीन गवाह उस वक्त वहां मौजूद हों। कुरान में तलाक को इस कदर मुश्किल बनाने की कोशिश की गई है कि यह क्षणिक आवेश में लिया गया फैसला नहीं हो सकता है।
सलमा अंसारी ने कहा कि आजकल अखबार में विज्ञापन के जरिए या सोशल मीडिया के जरिए तलाक देने का चलन जोर पर है लेकिन यह चलन महिलाओं की अज्ञानता के कारण बढ़ हो रहा है।

उनके मुताबिक कुरान अरबी भाषा में पढ़ी जा रही है। आम लोग उसका अनुवाद नहीं पढ़ रहे हैं। इसका फायदा उठाकर मौलवी अपने तरीके से कुरान की व्याख्या कर रहे हैं और उन्हें गुमराह कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर महिलाएं खुद ही कुरान पढऩे लगेंगी तो उन्हें खुद-ब-खुद पता चल जाएगा कि कुरान में तीन तलाक जैसी कोई बात ही नहीं है।