नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी की विधायक भावना गौड़ को द्वारिका अदालत ने निजी तौर पर पेश होने से राहत दे दी है। आप विधायक पर शैक्षणिक योग्यता की गलत जानकारी देने के आरोप में मामला चल रहा है।
आप विधायक भावना की याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने शनिवार को भावना गौड़ को निजी रूप से पेश होने से छूट दे दी। उन पर आरोप है कि उन्होंने साल 2013 और 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को जो एफिडेविट सौंपा था, उसमें अलग-अलग जानकारियां दी थी। इस मामले में उन्होंने स्वयं की पेशी से छूट की मांग करते हुए याचिका दायर की थी। याचिका की सुनवाई के दौरान अदालत ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है।
विधायक के खिलाफ गलत जानकारी देने के मामले की शिकायत वकील समरेन्द्र नाथ वर्मा ने की है। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पालम की विधायक के खिलाफ यह मामला जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन है। समरेन्द्र नाथ वर्मा का दावा है कि 2013 के एफिडेविट के अनुसार उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है, जबकि 2015 के चुनाव के लिए दाखिल एफिडेविट में उन्होंने लिखा कि वह दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट हैं और महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय से उन्होंने बैचलर ऑफ एजूकेशन की डिग्री ली है।