गढ़वा। झारखंड के मझिआंव झाना क्षेत्र के खजूरी गांव में अर्थी उठने से पहले मृत युवक के शरीर में प्राण लौट आए। इसके बाद युवक को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रांची में भर्ती कराया गया है। यह वाक्या पूरे गढ़वा जिले में चर्चा का विषय बन गया है। इसे लोग चमत्कार कह रहे हैं।
दरअसल, मझिआंव थाना क्षेत्र के खजूरी गांव के उदय विश्वकर्मा के पुत्र 24 वर्षीय नीतीश कुमार की मोटरसाइकिल 13 अगस्त को मझिआंव-गढ़वा मार्ग पर मेराल थाना क्षेत्र के बोकेया गांव के पास बिजली के खंभे से टकरा गई थी।
नीतीश गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज पलामू जिले के मेदिनीनगर के एक निजी क्लीनिक में चल रहा था। 13 से 19 अगस्त की दोपहर तक उसकी हालत गंभीर थी। शरीर के एक अंग का हिलना-डुलना बंद हो चुका था।
स्वजनों के अनुसार, तब निजी अस्पताल के चिकित्सक एवं कर्मियों ने उन्हें बिल भरने के लिए कहा और साथ ही बताया कि आपका मरीज मर चुका है। नीतीश के पिता ने गांव में मोबाइल फोन से इसकी सूचना दे दी। वहां अंतिम संस्कार की तैयारी होने लगी। कफन खरीद कर अर्थी बनाने की तैयारी चल रही थी।
शनिवार रात 8 बजे स्वजन शव को एंबुलेंस से लेकर खजूरी गांव पहुंचे। एंबुलेंस का दरवाजा जैसे ही लोगों ने खोला तो देखा कि नीतीश के शरीर में हरकत हो रही है। हाथ-पैर हिल रहे हैं। शीघ्र उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इधर निजी अस्पताल का कहना है कि मरीज को मृत घोषित नहीं किया गया था। स्वजन अपनी जिम्मेवारी पर ले गए थे।