अयोध्या में राम नवमी से शुरू होगा राम मंदिर निर्माण : सुब्रह्मण्यम स्वामी
March 26, 2017
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पटना। अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने वाले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सह राज्यसभा सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक बार फिर यह कहकर सबको चौंका दिया कि भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या में ही राम मंदिर बनेगा और यह कार्य पावन रामनवमी के दिन से शुरू हो जाएगा। लगे हाथ वे यह भी कहने से नहीं चूके कि मस्जिद तो कहीं भी बन सकती है।
पटना के नृत्य कला मंदिर में ‘ विराट हिंदुस्तान संगम ‘ की बिहार शाखा द्वारा ‘ राम, राम मंदिर एवं हिंदू पुनर्जागरण’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि सुब्रह्मण्यम स्वामी ने यह बातें कही।
स्वामी ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर कहा कि हमारे पूर्वजों का हजारों वर्ष का दमन के खिलाफ संकल्प्ति त्याग बेकार नहीं जायेगा।
800 साल मुसलमान और दो सौ वर्ष अंग्रेजों के दमन के बावजूद भारत में 80 प्रतिशत हिन्दू है जो विश्व का एकलौता देश है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि स्पेन में मुसलमानों चर्च तोड़कर मस्जिद बनाया पर इस बात पर आश्चर्य हो रहा है कि हिंदुस्तान में एक मंदिर बनाने पर बबाल हो रहा है। ऐसा इसीलिए हो रहा है क्योंकि हिन्दू जातियों में बंटा हुआ है।
मुगलकाल की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय 40,000 से अधिक मंदिरों को तोड़ा गया था।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी मुस्लमान अरब से नहीं आये, उनका और हमारा डीएनए एक है और इस बात की पुष्टि विज्ञान भी करता है। हिन्दू- मुस्लिम एक है। इसलिये राममंदिर बनाने पर दोनों समुदाय मिलकर समझौता करें।
धारा 25 की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हिन्दुओं को मंदिर में पूजा करने का मूलभूत अधिकार है। नमाज तो कहीं भी और तो और सड़क पर भी पढ़ा जा सकता है। इसलिये मस्जिद को कहीं भी स्थांतरित किया जा सकता है।
स्वामी ने कहा कि वर्ष 2003 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद स्पष्ट हो गया कि अयोध्या में राम मंदिर पहले से ही था। कोर्ट में जो पुरातत्व विभाग ने रिपोर्ट सौंपी थी, उसमें साफ तौर पर इस बात का उल्लेख किया था कि यहां पहले से मंदिर था और मंदिर को तोडक़र मस्जिद बनाई गई थी।
इस सन्दर्भ में मुस्लिम संगठनों के लोगों से कई बार बातचीत की गई है और उन्हें मुस्लिम संगठनों को वहां राममंदिर बनने पर ऐतराज नहीं है लेकिन वे कोर्ट से बाहर समझौते को तैयार नहीं हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ी तो जिस तरह पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने शाहबानो केस में विशेष अध्यादेश लाया था। उसी तर्ज पर मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाएगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वर्ष 2024 तक मथुरा व काशी में भी मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाएगा।
राज्यसभा सांसद ने संघ प्रमुख व विश्व हिंदू परिषद के लोगों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिन्दू समाज को जागृत कर राम मंदिर निर्माण कार्य में बहुत बड़ा सहयोग कर रहा है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के तौर पर प्रख्यात चिंतक केएन गोविंदाचार्य पधारे थे जबकि कार्यक्रम की अध्यक्ष की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने की । इस मौके प प्रो. डॉ. अरविंद चतुर्वेदी, आशीर्वादन आचार्य आदि भी थे।
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