लखनऊ। मुख्यमंत्री के आवास के सामने आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को पुलिस वालों ने बैठने से रोका तो नाराज अमिताभ ने मानवाधिकार आयोगकी शरण ली है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजी है।
शुक्रवार को मानवाधिकार आयोग को शिकायत भेजने वाले अमिताभ ने कहा है कि लखनऊ के निलंबित डीआईजी डी.के. चौधरी के एक वृद्ध व्यक्ति को अकारण थप्पड़ मारने के 15 दिनों के अन्दर बहाल किये जाने और उन्हें 8 महीने से अवैधानिक तरीके से निलंबित रखे जाने के मामले में वे अपना कष्ट प्रकट करने अकेले गए थे पर एसओ गौतमपल्ली एस.के. कटियार के नेतृत्व में पुलिस बल ने उन्हें बाहरी गेट पर ही रोक दिया। वहीं कारण पूछे जाने पट उन्होंने पहले धारा 144 सीआरपीसी और बाद में हाई सिक्यूरिटी ज़ोन होने का हवाला दिया, जबकि वे पूरी तरह अकेले थे और उनके पास एक लैपटॉप और दरी के अलावा कोई भी प्रतिबंधित सामान नहीं था और वहां पहले से पचासों लोगों को जाने की अनुमति दी गयी थी।
जानकारी हो कि अमिताभ ने इसे अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन और अवैधानिक ढंग से रोके जाने की बात बताते हुए आयोग से इस शिकायत को राज्य सरकार को वापस नहीं भेजने और इसकी स्वयं जाँच करने की बात कही है। साथ ही उन्होंने जाँच के बाद पुलिस वालों पर आपराधिक और प्रशासनिक कार्यवाही करने और उन्हें मुआवजा देने की मांग की है।