श्रीनगर। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस साल यात्रा के पुख्ता इंतजाम के दावे तो खूब किए लेकिन उसके कारिंदों ने सब किए कराए पर पानी फेर दिया। नौबत यह है कि यात्रियों के परमिट और मेडिकल सर्टिफिकेट तक चैक नहीं किए जा रहे थे। इससे पवित्र गुफा पर अत्यधिक भीड़ जमा हो गई थी।
दरअसल, ऑनलाइन और ऑफलाइन पंजीकरण के बाद यात्री का परमिट चन्दनबाड़ी और बालटाल पर चैक होता है। साथ ही ऑरिजनल मेडिकल सर्टिफिकेट भी चैक होता है।
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मगर इस बार जब हम 1 जुलाई को चन्दनबाड़ी चैक पोस्ट पर पहुंचे तो वहां न तो परमिट चैक किया न ही उस पर किसी ने सील लगाई। केवल परमिट की एक प्रति फाड़कर जमा कर ली। यहां तक कि यात्रा की तारीख भी चैक नहीं की गई। इसी तरह चैकपोस्ट पर मेडिकल सर्टिफिकेट भी चैक नहीं किया। केवल RFID कार्ड देखा और एंट्री दे दी गई।
इसका नतीजा यह हुआ कि पवित्र गुफा पर भक्तों की भीड़ पहुंच गई। गुफा तक पहुंचने के रास्तों में लोगों के रेले नजर आ रहे थे।
13 साल से छोटे बच्चे भी यात्रा पर
अमरनाथ यात्रा की कठिनाइयों और मार्ग में कई जगह ऑक्सीजन की कमी को देखते हुए यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए यात्री की न्यूनतम आयु 13 व अधिकतम 70 वर्ष निर्धारित की गई है। रजिस्ट्रेशन आधार कार्ड के जरिए होता है जिससे यात्री की सही आयु की गणना हो जाती है। लेकिन इस बार कई बच्चों को भी उनके माता पिता के साथ अनुमति दे दी गई। मार्ग में घोड़े खच्चर पर कई बच्चे बैठे नजर आए। इसी तरह भगवती नगर यात्री विश्राम निवास में भी 4 साल से लेकर 8 साल तक के बच्चे अपने माता पिता के साथ नजर आए। बातचीत में उनके पेरेंट्स ने बताया कि वे इन बच्चों को घोड़े खच्चर पर गुफा तक ले जाएंगे।